राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने क्या कहा?
खान ने कहा, ‘‘वक्फ बोर्ड के कामकाज में काफी सुधार की जरूरत है. संसद के दोनों सदनों से पारित वक्फ (संशोधन) विधेयक इस दिशा में एक ठोस कदम है.’’ राज्यपाल ने कहा, ‘‘ऐसा कहा जाता है कि वक्फ की संपत्ति अल्लाह की है, लेकिन इसके विपरीत बोर्ड के लोग मुकदमे लड़ने में व्यस्त हैं.’’ खान ने दावा किया कि बोर्ड के सदस्यों के रिश्तेदार वक्फ संपत्तियों का लाभ उठा रहे हैं. उन्होंने कहा, ‘‘यह गैर-इस्लामी है.’’
उन्होंने कहा कि बोर्ड में बैठे लोगों को गरीबों की बेहतरी की कोई चिंता नहीं है. उत्तर प्रदेश में वक्फ मंत्रालय के पूर्व मंत्री के रूप में अपने अनुभव को साझा करते हुए खान ने कहा, ‘‘वहां भी बोर्ड के सदस्य भूमि और संपत्ति विवादों से संबंधित मामलों के मुकदमे लड़ने में व्यस्त थे. मैं एक बार फिर दोहरा रहा हूं कि वक्फ बोर्ड बेसहारा लोगों के कल्याण के लिए हैं.’’
बता दें कि वक्फ संशोधन विधेयक 2025 को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने मंजूरी दे दी है. इसके बाद अब यह कानून बन गया है. सरकार ने एक अधिसूचना में कहा, 'संसद पारित वक्फ संशोधन अधिनियम को 5 अप्रैल, 2025 को राष्ट्रपति की मंजूरी मिल गई है और इसे आम जानकारी के लिए प्रकाशित किया जाएगा.
पक्ष में 288 और विपक्ष में 232 वोट पड़े
इससे पहले 3 अप्रैल को लोकसभा में करीब 12 घंटे की बहस के बाद इसे मंजूरी दी गई थी. इस बहस में पक्ष में 288 और विपक्ष में 232 वोट पड़े थे. उनके बाद 4 अप्रैल को लंबी बहस के बाद वक्फ (संशोधन) विधेयक को राज्य सभा से भी पारित कर दिया गया. इस दौरान सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच तीखी नोकझोंक हुई. राज्य सभा में इस विधेयक पर करीब 14 घंटे तक बहस हुई और इसके पक्ष में 128 और विपक्ष में 95 वोट पड़े. इसके बाद इसे पारित कर दिया गया.