पटना: राहुल गांधी जब बिहार की धरती पर उतरे तो कांग्रेस ने पूरा जोर लगा दिया बैनर लगे, लाउडस्पीकर बोले, गाड़ियां दौड़ीं और भीड़ जुटाने के लिए इतनी मेहनत की गई जैसे कोई शादी-ब्याह हो. मगर जैसे ही माइक राहुल गांधी के हाथ में आया, जनता ने बड़ी मासूमियत से बता दिया कि “हम तो मेहमान नवाजी के लिए आए हैं, लेकिन वोट का न्योता मोदी जी को ही देंगे.”
कार्यक्रम स्थल पर पहुंचने वाले कई लोग मानो 'राजनीतिक पिकनिक' पर आए हों. एक महिला ने तो यहां तक कह दिया कि “राहुल गांधी को देखने आई थी, लेकिन थोड़ी देर हो गई”, शायद वो नहीं जानतीं कि राजीव जी अब केवल किताबों में मिलते हैं. एक सज्जन जो खुद को ‘कंठीधारी’बता रहे थे, उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा, “हम वोट तो मोदी जी को ही देंगे, राशन वो ही देते हैं.”अब आप खुद सोचिए भाषण से पेट नहीं भरता, राशन से भरता है.
एक मौलाना साहब ने भी बीच में ताजगी भरते हुए कहा, “महंगाई तो है, लेकिन मोदी जी राशन दे रहे हैं, तो अभी देखेंगे किसे वोट देना है.”यानी कि महंगाई भले ही जेब हल्की कर रही हो, लेकिन राशन से पेट भरा है तो माफ कर दिया गया. एक महिला शिक्षिका ने अपने शब्दों में लोकतंत्र की गहराई को छूते हुए कहा, “सरकार कोई भी हो, सिस्टम तो RSS का ही चलता है. मानो उन्होंने देश की गाड़ी के ड्राइवर की जगह स्टेयरिंग व्हील की पहचान कर ली हो. इस पूरे तमाशे से एक बात तो साफ हो गई भीड़ लाने से समर्थन नहीं आता, और भाषण सुनने से वोट नहीं मिलते. बिहार कांग्रेस ने लाख कोशिश की, लेकिन लोगों के दिल और थाली दोनों फिलहाल 'मोदी ब्रांड राशन' से ही भरे हुए हैं.