*बिहार के आर्थिक सर्वेक्षण 2024-25: बिहार का सबसे गरीब जिला है शिवहर*
Today sheohar news
*पटना /* बिहार सरकार द्वारा जारी आर्थिक सर्वेक्षण 2024-25 के अनुसार, राज्य का सबसे समृद्ध जिला पटना है, जबकि शिवहर को बिहार का सबसे गरीब जिला बताया गया है। सर्वेक्षण में विभिन्न जिलों की आर्थिक स्थिति, प्रति व्यक्ति आय, गरीबी दर और विकास दर का विस्तृत आकलन किया गया है।
आर्थिक सर्वेक्षण के अनुसार, पटना बिहार का सबसे अमीर जिला है, जहां प्रति व्यक्ति आय राज्य के अन्य जिलों की तुलना में सबसे अधिक है। इसके बाद बेगूसराय दूसरे और मुंगेर तीसरे स्थान पर हैं। इन जिलों में औद्योगिक गतिविधियों, व्यापारिक विस्तार और उच्च आय स्तर ने इन्हें बिहार के समृद्ध जिलों में शामिल किया है।
*1. पटना*
पटना बिहार की राजधानी होने के साथ-साथ एक प्रमुख व्यापारिक और शैक्षणिक केंद्र भी है। यहां आईटी, रियल एस्टेट, शिक्षा, स्वास्थ्य और सेवा क्षेत्रों में बड़ी संख्या में रोजगार के अवसर उपलब्ध हैं।
*2. बेगूसराय*
बेगूसराय औद्योगिक गतिविधियों के लिए जाना जाता है। यहां बरौनी रिफाइनरी और अन्य उद्योगों के कारण आर्थिक गतिविधियां तेज हैं, जिससे यहां के निवासियों की औसत आय बेहतर बनी हुई है।
*3. मुंगेर*
मुंगेर अपनी समृद्ध औद्योगिक विरासत, कृषि और हथियार निर्माण उद्योग के लिए प्रसिद्ध है। इस जिले में आर्थिक गतिविधियां काफी सशक्त हैं, जिससे इसे बिहार के अमीर जिलों में स्थान मिला है।
सर्वेक्षण के अनुसार, बिहार के तीन सबसे गरीब जिलों में शिवहर, अररिया और सीतामढ़ी शामिल हैं। इन जिलों में आर्थिक विकास की गति अपेक्षाकृत धीमी रही है और यहां गरीबी दर अधिक दर्ज की गई है।
*1. शिवहर (सबसे गरीब जिला)*
शिवहर बिहार का सबसे गरीब जिला घोषित किया गया है। यहां की अर्थव्यवस्था मुख्य रूप से कृषि पर निर्भर है, लेकिन बाढ़, सूखा और आधारभूत संरचनाओं की कमी के कारण विकास प्रभावित हुआ है। औद्योगीकरण की कमी और रोजगार के सीमित अवसरों ने इस जिले को आर्थिक रूप से पिछड़ा बना दिया है।
*2. अररिया*
अररिया जिला भी गरीबी से जूझ रहा है। कोसी और सीमांचल क्षेत्र में स्थित यह जिला अक्सर बाढ़ की चपेट में रहता है, जिससे कृषि और बुनियादी ढांचे को नुकसान होता है। यहां रोजगार के अवसर सीमित हैं और लोग मजदूरी व पलायन पर निर्भर रहते हैं।
*3. सीतामढ़ी*
सीतामढ़ी में भी गरीबी की दर अधिक है। नेपाल से सटे होने के बावजूद व्यापार और औद्योगिक विकास की कमी के कारण यहां आर्थिक गतिविधियां सीमित हैं। कृषि पर अत्यधिक निर्भरता और आधारभूत संरचनाओं की कमी इस जिले को आर्थिक रूप से कमजोर बनाए हुए हैं।
बिहार का आर्थिक सर्वेक्षण 2024-25 यह दर्शाता है कि राज्य के अलग-अलग जिलों में आर्थिक असमानता बनी हुई है। पटना, बेगूसराय और मुंगेर जहां समृद्ध जिलों में शामिल हैं, वहीं शिवहर, अररिया और सीतामढ़ी को गरीबी से उबरने के लिए सरकार की विशेष नीतियों की आवश्यकता है। राज्य सरकार को इन गरीब जिलों में औद्योगिक विकास, शिक्षा और बुनियादी ढांचे पर अधिक ध्यान देना होगा ताकि आर्थिक असंतुलन को दूर किया जा सके।