SHEOHAR; सुप्रीम कोर्ट का फैसला*डिजिटल अभिव्यक्ति का स्वतंत्रता के संवैधानिक अधिकार को दर्शाता है--नवनीत झा*
सर्वोच्च न्यायालय की वरिष्ठ अधिवक्ता नवनीत कुमार झा ने कहा है सुप्रीम कोर्ट का यह फैसला डिजिटल युग में न्याय ,तकनीक और लोकतंत्र के जटिल संबंधों को दर्शाता है,
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SHEOHAR;-सर्वोच्च न्यायालय के वरिष्ठ अधिवक्ता नवनीत कुमार झा ने टुडे शिवहर न्यूज को एक विशेष भेंटवार्ता में बताया है कि 9 मई 2025 के सुप्रीम कोर्ट जो फैसला आया है वह स्वागत योग्य है। यह सुप्रीम कोर्ट का फैसला अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के संवैधानिक अधिकार को पुष्टि करता है केंद्रीय महत्व को बताता भी है।
श्री झा ने बताया है कि यह सुप्रीम कोर्ट का फैसला केंद्र के विकिपीडिया फाउंडेशन और दिल्ली उच्च न्यायालय के मध्य उत्पन्न और साधारण विवाद है, जो डिजिटल अभिव्यक्ति न्यायालय की प्रतिष्ठा तथा तकनीकी माध्यमों की कानूनी जिम्मेदारियों के साथ जटिल और समकालीन प्रश्नों से जुड़ा हुआ है। यह मामला भारत के संवैधानिक विमर्श में एक नई प्रतिभा को जोड़ता है ,जो यह तय करने में सहायक सिद्ध हो सकता है कि इस डिजिटल युग में न्याय और स्वतंत्रता का संतुलन किस प्रकार बनाए रखा जाए।
सर्वोच्च न्यायालय के वरिष्ठ अधिवक्ता श्री झा ने कहा है कि अब यह कहना उचित होगा कि सर्वोच्च न्यायालय का यह निर्णय अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता सूचना तक पहुंच और न्यायिक पारदर्शिता के बीच संतुलन स्थापित करने की दिशा में सशक्त कदम है। उन्होंने बताया कि इससे संकेत मिलता है कि न्यायपालिका स्वयं को आलोचना और सार्वजनिक चर्चा से परे नहीं मानती ,बल्कि उसे आवश्यक लोकतांत्रिक प्रक्रिया के रूप में भी स्वीकार करती है। यह निर्णय डिजिटल युग में न्याय, तकनीक और लोकतंत्र के जटिल संबंधों की ओर भी संकेत करता है।
श्री झा ने बताया कि सर्वोच्च न्यायालय की पीठ ने स्पष्ट रूप से कहा है कि किसी भी महत्वपूर्ण मुद्दे पर चाहे वह न्यायिक प्रक्रिया के अधीन क्यों ना हो ,जनता और प्रेस द्वारा खुली बहस आवश्यक है। उनका यह कथन भारतीय लोकतंत्र की आत्मा को दर्शाता है ,जहां न्याय व्यवस्था भी जनचर्चा और प्रदर्शित से अप्रभावित नहीं रह सकती।
सर्वोच्च न्यायालय के वरिष्ठ अधिवक्ता नवनीत कुमार झा ने स्पष्ट किया है कि न्याय का नया दृष्टिकोण जनमानस के लिए है।न्यायपालिका स्वयं को आलोचना और सार्वजनिक चर्चा से परे नहीं मानती, बल्कि उसे आवश्यक लोकतांत्रिक प्रक्रिया को भी स्वीकार करती है।