SHEOHAR श्रमिक दिवस पर,गवर्मेंट इंजीनियरिंग कॉलेज में श्रमिकों के अधिकार और स्थानीय समस्याओं पर हुई चर्चा*
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SHEOHAR;अंतर्राष्ट्रीय श्रमिक दिवस के अवसर पर गवर्नमेंट इंजीनियरिंग कॉलेज, शिवहर द्वारा उन्नत भारत अभियान के अंतर्गत जिले के विभिन्न गांवों—मोहनपुर, शंकरपुर बिंधी, छतौना गोपीनाथ, कुआमा एवं नारायणपुर—में ग्राम सभाओं का सफल आयोजन किया गया। यह आयोजन सुबह 11:30 बजे से शुरू हुआ, जिसमें स्थानीय समस्याओं एवं श्रमिकों के अधिकारों पर विस्तार से चर्चा की गई।
ग्राम सभाओं का संचालन श्री विनय शंकर (नोडल अधिकारी) के निर्देशन में हुआ, जिसमें प्रो. श्री सनत (मोहनपुर), डॉ. दिनेश साह (शंकरपुर बिंधी), श्री अरुण कुमार (छतौना गोपीनाथ), श्री रवि शंकर (कुआमा) और डॉ. संजीव कुमार (नारायणपुर) ने भाग लिया।
**बैठकों में निम्नलिखित मुख्य विषयों पर चर्चा की गई:**
1. नरेगा (MGNREGA) में पारदर्शिता – ग्रामीणों ने कार्य की नियमितता और मजदूरी भुगतान में हो रही देरी की समस्याएं उठाईं।
2. श्रमिकों का स्वास्थ्य एवं सुरक्षा – निर्माण स्थलों पर सुरक्षा उपकरणों की उपलब्धता और प्राथमिक उपचार की सुविधाएं सुनिश्चित करने की मांग की गई।
3. स्वच्छता और जल निकासी – गंदगी, जल-जमाव, एवं सफाई कर्मचारियों की स्थिति को लेकर चिंता जताई गई।
4. शिक्षा और बाल मजदूरी – बच्चों को विद्यालय भेजने हेतु जनजागरूकता फैलाने और बाल मजदूरी को रोकने पर विशेष बल दिया गया।
5. महिला श्रमिकों की स्थिति – महिला श्रमिकों को सम्मान, समान वेतन और सुरक्षा प्रदान करने की आवश्यकता पर चर्चा की गई।
कॉलेज के प्राचार्य डॉ. केशबेंद्र चौधरी ने अपने संदेश में कहा, श्रमिक दिवस केवल उत्सव नहीं, बल्कि समाज के उन स्तंभों के अधिकारों को सुनिश्चित करने का दिन है जो देश की नींव रखते हैं। यह हमारे छात्रों के लिए भी एक सीख है कि वे समाज से जुड़कर समाधान की दिशा में काम करें।
सभा में बड़ी संख्या में ग्रामीणों, महिलाओं, युवाओं और छात्र-छात्राओं ने भाग लिया।
कई ग्रामीणों ने गांव में स्थायी जल निकासी व्यवस्था और कचरा प्रबंधन की मांग उठाई।
महिलाओं ने शौचालय की कमी और सुरक्षित कार्यस्थलों की आवश्यकता पर जोर दिया।
युवाओं ने बेरोजगारी और कौशल प्रशिक्षण की कमी जैसे मुद्दों को सामने रखा।
ग्राम सभाओं में प्रतिभाग करने वाले छात्रों ने जनसंवाद से बहुत कुछ सीखा और अनुभव साझा किया।
वक्ताओं ने कहा कि यदि सरकार की योजनाएं सही तरीके से लागू हों तो गाँवों का स्वरूप बदल सकता है।
सभी ग्रामों में सभा के अंत में श्रमिकों को धन्यवाद और सम्मान अर्पित किया गया।
सभा में सुझावों को संकलित कर आगे की कार्यवाही के लिए रिपोर्ट तैयार की जा रही है।
ग्रामवासियों ने जीईसी शिवहर की इस पहल की सराहना की और भविष्य में भी सहयोग की अपेक्षा जताई।
यह आयोजन सामाजिक चेतना, सहभागिता और समाधान की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित हुआ।