SHEOHAR: बोले पूर्व विधायक राणा जी जमीन की रजिस्ट्री में अब रिश्वत के नाम पर मांगी जाती है गिरवी
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शिवहर ज़िले में जिला निबंधन कार्यालय पर उठी उंगली, बना 'धन उगाही काअड्डा' — पूर्व विधायक ने उठाए गंभीर सवाल, डीएम की चुप्पी पर भी खड़े किए प्रश्न !
SHEOHAR: एक ओर सरकार 'गुड गवर्नेंस' की दुहाई देती है, तो दूसरी ओर ज़मीनी हक़ीक़त ऐसी कि अब जमीन की रजिस्ट्री भी रिश्वत और कमीशन खोरी के नाम पर गिरवी रख दी गई है। जिला निबंधन कार्यालय में व्याप्त भ्रष्टाचार को लेकर पूर्व विधायक ठाकुर रत्नाकर राणा का तीखा बयान सामने आया है।
उन्होंने कहा — "शिवहर का रजिस्ट्री ऑफिस अब ज़मीन का नहीं, ज़मीर का सौदा करता है। यहाँ दस्तावेज़ों की वैधता नहीं, जेब की मोटाई देखी जाती है। हर मोहर, हर दस्तख़त, हर प्रक्रिया की अपनी अलग बोली है।"
पूर्व विधायक ने सवाल उठाया कि "एक गरीब, किसान, शिक्षक या बेरोज़गार युवक जब अपनी ज़मीन की रजिस्ट्री कराने आता है, तो उससे कागज़ कम और कैश ज़्यादा माँगा जाता है। यह सिर्फ़ भ्रष्टाचार नहीं, यह जनता के संवैधानिक अधिकारों का संगठित हरण है!"
सबसे गंभीर बात यह कि यह मामला सर्वव्यापी होकर अखबार और सोशल मीडिया के समाचार के माध्यम से सुनिश्चित ही अब ज़िलाधिकारी तक पहुँच चुका है, फिर भी प्रशासनिक चुप्पी बनी हुई है। ठाकुर राणा ने यह भी पूछा — "क्या डीएम साहब की चुप्पी सिर्फ़ असंवेदनशीलता है या फिर कहीं कोई और संकेत?"
अब जनता जानना चाहती है —
ज़िला प्रशासन इस खुलेआम चल रहे रिश्वततंत्र पर कब कार्रवाई करेगा?
क्या भ्रष्टाचार पर मौन रहना भी प्रशासनिक नीति का हिस्सा बन गया है?
क्या शिवहर की जनता को अब हर अधिकार के लिए 'न्याय की बोली' लगानी पड़ेगी?
ज़िला पदाधिकारी मेरे सार्वजनिक बयान का तत्काल संज्ञान लें, निष्पक्ष जाँच कराएँ और समुचित कार्रवाई सुनिश्चित करें। शिवहर की जनता को जवाब चाहिए — जितनी देर होगी असंतोष बढ़ेगा जो सहन करना नाइंसाफी होगी।