मब्बी थानाध्यक्ष को भी किया गया था निलंबित
करीब डेढ़ महीने पहले एक मृत शख्स को भोला राम समझकर परिजनों ने उसका अंतिम संस्कार किया था. मौत को लेकर परिजनों ने सड़क पर जमकर हंगामा किया था. घटना के बाद मब्बी थानाध्यक्ष दीपक कुमार को भी निलंबित किया गया था. अब सवाल है कि जिस शख्स की डीएमसीएच में भोला राम के रूप में पहचान की गई थी वो किसका बेटा था? उस वक्त लोगों ने ना सिर्फ हंगामा किया था बल्कि पुलिस की गाड़ी के शीशे तक तोड़ दिए थे. सरकारी मुआवजे की राशि चार लाख रुपये भी परिजनों ने ले लिए थे.
कोर्ट के सामने क्या बोला नाबालिग?
नाबालिग ने बताया कि वह विश्वविद्यालय फील्ड में क्रिकेट खेल रहा था. उसी दौरान तीन-चार लोग आए और उन्होंने उसके मुंह पर रुमाल रख दिया. उसके बाद उसे कुछ भी नहीं मालूम. कुछ दिन बाद पता चला कि वह नेपाल में है. किसी तरह वो दो दिन पहले उन लोगों के चंगुल से भागकर आया है. भारत के बॉर्डर पर आकर उसने अपने भाई के मोबाइल पर वीडियो कॉल कर बताया कि वह जिंदा है. उसका एक भाई जाकर उसे घर लाया. इसके बाद वो पुलिस को जानकारी न देकर कोर्ट में उपस्थित हो गया.
भोलाराम जिंदा है तो मृत युवक कौन था?
आठ फरवरी को भोला राम के परिजनों ने उसके लापता होने की सूचना मब्बी थाने को दी थी. 26 फरवरी को दोनार अल्लपट्टी रेलवे ट्रैक पर एक हाथ और पैर कटा शव मिला. परिजनों ने उसकी पहचान अस्पताल में भोला राम के रूप में की थी. अब देखना होगा कि आगे क्या होता है.