Bihar Education News: शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉ. एस.सिद्धार्थ ने शिक्षा की बात-हर शनिवार में कई महत्वपूर्ण जानकारी दी. उन्होंने कहा कि 1 मई से सूबे के तीन विद्यालयों में शिक्षकों के साथ-साथ बच्चों की भी ऑनलाइन हाजिरी बनेगी. ट्रायल सफल होने के बाद सभी विद्यालयों में इसे लागू किया जायेगा. दरभंगा के एक सरकारी स्कूल में पढ़ने वाली कक्षा चार की बच्ची ने बच्चों के ऑनलाइन हाजिरी को लेकर सवाल पूछा. इस पर शिक्षा विभाग के एसीएस यह जवाब दिया.
1 मई से 30 विद्यालय के बच्चों की ऑनलाइन हाजिरी
शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव एस.सिद्धार्थ ने कहा कि हम लोग ऑनलाइन अटेंडेंस लेंगे. हम लोगों ने 30 स्कूल में 30 टैबलेट भेजे हैं. सबसे पहले इन 30 विद्यालयों में ऑनलाइन अटेंडेंस लेंगे. बच्चा के चेहरा से हाजिरी बनेगी, ग्रुप अटेंडेंस होगी. टीचर और शिक्षक दोनों की उपस्थिति बनेगी. कौन बच्चा-टीचर स्कूल आ रहा या नहीं, इसकी पूरी जानकारी एक साथ आ जायेगी. 1 मई से 30 स्कूल में ऐसी व्यवस्था लागू होगी.
पटना जिले के बिक्रम के एक शिक्षक ने सलाह दिया है कि क्षेत्रीय भाषा में ही बच्चों की पढ़ाई होनी चाहिए. इस पर एस. सिद्धार्थ ने कहा कि मैं इसका समर्थन करता हूं. छोटे बच्चों को अपनी मातृभाषा में ही शिक्षा दी जानी चाहिए. जब तक उनको आप उनकी मातृभाषा में नहीं सिखाएंगे तब तक उनकी क्षमता को बढ़ा नहीं सकते. समस्या है. उम्मीद करता हूं की मगध क्षेत्र में अगर बच्चों को अगर शिक्षक पढ़ा रहे हैं, तो वहां की भाषा में पढ़ाएं. क्योंकि मोटा-मोटी स्थानीय शिक्षक ही स्कूल में है. मैं यह उम्मीद करता हूं कि शिक्षक मातृभाषा में बच्चों को सीखाने की कोशिश करें. किताबों में मातृभाषा की कमी है, मैं इसे स्वीकार करता हूं . शिक्षक कोशिश करें ए फॉर एप्पल है तो उसे भोजपुरी में सीखाने की कोशिश करें .
माधव पट्टी मध्य विद्यालय के शिक्षक सवाल पूछा. बच्चे मोबाइल में समय देते हैं , ऐसे में शिक्षा विभाग मोबाइल आधारित शिक्षण सामग्री उपलब्ध कराये. इस पर अपर मुख्य सचिव ने कहा कि क्लास -6 से हम लोग आईसीटी लैब स्थापित करेंगे. सभी स्कूलों में कंप्यूटर होगा. हम लोग पठन सामाग्री को डिजिटल फॉर्म में भेजेंगे. कोई भी बच्चा अगर डिजिटल फॉर्म में लेना चाहे तो ले सकता है. यह व्यवस्था हम लोग करेंगे. लाइब्रेरी में हम लोग पेन ड्राइव रखेंगे. उसमें सामग्री ले सकता है. डिजिटल लाइब्रेरी को भी हम लोग बढ़ावा दे रहा है. हम लोगों का लक्ष्य है कि डिजिटल लैब हो, बच्चे फिजिकल बुक्स के अलावा डिजिटल बुक्स भी पढ़ें .