बेतिया एसपी डॉ. शौर्य सुमन ने तुरंत मामले को गंभीरता से लेते हुए एक विशेष जांच दल (SIT) का गठन किया. पुलिस की वैज्ञानिक और तकनीकी जांच के आधार पर SIT की टीम अपहृत बच्ची का पीछा करते हुए पूर्णिया पहुंची. वहां से बच्ची को सकुशल बरामद कर लिया गया और इस गिरोह से जुड़े सभी पांच अपराधियों को गिरफ्तार कर लिया गया, जिनमें एक नाबालिग भी शामिल है.
जांच में जो तथ्य सामने आए वह चौंकाने वाले हैं. पता चला कि जैबून नेसा की बेटी, जो अपहृत बच्ची की सहेली है, उसी ने बहला-फुसलाकर उसे घर से भागने को कहा. इसके बाद जैबून नेसा, उसका पति मुन्ना, उसकी बेटी और एक अन्य महिला रंजू देवी के साथ मिलकर बच्ची को रक्सौल होते हुए मुजफ्फरपुर लाया गया, जहां तीन लाख रुपये में उसे बेचने का सौदा तय हुआ.
मुजफ्फरपुर से चारों आरोपी रंजू देवी के साथ मिलकर बच्ची को पूर्णिया लेकर गए, जहां उसे मोहन शर्मा के यहां रखा गया था और आगे खाड़ी देश भेजने की तैयारी की जा रही थी. लेकिन इन अपराधियों को अंदाजा नहीं था कि बेतिया पुलिस उनके पीछे-पीछे पहुंच चुकी है. पूर्णिया में पुलिस ने छापेमारी कर नाबालिग बच्ची को सकुशल बरामद किया और गिरोह के सभी सदस्यों को गिरफ्तार कर लिया. एसडीपीओ जय प्रकाश सिंह ने बताया कि बच्ची को मेडिकल जांच के लिए जीएमसीएच भेजा गया है.