SHEOHAR*विश्व बाल शोषण रोकथाम दिवस पर चलाया गया जागरूकता अभियान
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SHEOHAR* विश्व बाल शोषण रोकथाम दिवस के अवसर पर, बाल दुर्व्यवहार की रोकथाम के लिए प्रोजेक्ट बालिका उच्च माध्यमिक विद्यालय, शिवहर में एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम बिहार ग्राम विकास परिषद के सहयोग से आयोजित हुआ और इसमें क्रॉस बॉर्डर एंटी ट्रैफिकिंग नेटवर्क (CBATN) का प्रमुख योगदान रहा। CBATN दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय गठबंधन के रूप में कार्य करने वाला एक अंतरराष्ट्रीय नेटवर्क है, जिसका उद्देश्य मानव तस्करी और बाल शोषण के खिलाफ जागरूकता फैलाना है।
इस विशेष आयोजन में भारत के छह राज्यों के 26 जिलों में समानांतर जागरूकता कार्यक्रम भी आयोजित किए जा रहे हैं। इन कार्यक्रमों का लक्ष्य समाज में बच्चों और महिलाओं के लिए एक हिंसा मुक्त वातावरण तैयार करना है। परिषद के अधिकारियों के अनुसार, यह प्रयास सामूहिक रूप से 75 सीमा पार जिलों को लाभान्वित करेगा।
*बाल दुर्व्यवहार और साइबर अपराधों के प्रति बढ़ाई जाएगी जागरूकता*
कार्यक्रम के तहत बच्चों के प्रति बढ़ते साइबर अपराधों और बाल दुर्व्यवहार के विषय में जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से वेबिनार, प्रशिक्षण कार्यशालाओं और अन्य जागरूकता सत्रों का आयोजन किया गया। निदेशक ने बताया कि इस प्रकार की पहल सार्थक संवाद स्थापित करने और बच्चों की सुरक्षा के लिए प्रभावशाली कदम उठाने में मददगार साबित होगी।
इस कार्यक्रम में कानून प्रवर्तन अधिकारियों, सामाजिक कार्यकर्ताओं, शिक्षकों, स्वास्थ्य पेशेवरों, सरकारी अधिकारियों और बाल संरक्षण में शामिल सामुदायिक नेताओं ने भाग लिया। आयोजकों ने विभिन्न क्षेत्रों जैसे कानून, चिकित्सा, मनोविज्ञान, सामाजिक कार्य, शिक्षा, और सार्वजनिक स्वास्थ्य के पेशेवरों को भी आमंत्रित किया।
कार्यक्रम में वन स्टॉप सेंटर की प्रतिनिधि रानी कुमारी, विद्यालय के प्रधानाचार्य दीपक कुमार, बिहार ग्राम विकास परिषद के प्रतिनिधि अनिल कुमार, कोमल कुमारी और सुनील कुमार सिंह उपस्थित थे। उन्होंने बाल शोषण रोकथाम की आवश्यकता और बाल अधिकारों के संरक्षण पर जोर दिया। विद्यालय के बच्चों ने भी सक्रिय रूप से भाग लिया और अपने विचार साझा किए।
संस्थान के निदेशक ने कहा, “हमारा लक्ष्य बच्चों के खिलाफ होने वाले दुर्व्यवहार को खत्म करना और उनके लिए सुरक्षित वातावरण तैयार करना है। यह कार्यशाला सार्थक बातचीत और ठोस कार्रवाई के लिए प्रेरित करने का एक प्रभावशाली तरीका है। हम सभी की सामूहिक आवाज ही बदलाव ला सकती है।”
इस प्रकार, शिवहर में आयोजित यह जागरूकता कार्यक्रम बाल अधिकारों के संरक्षण और समाज में बच्चों के प्रति हो रही हिंसा के खिलाफ एक सार्थक कदम के रूप में देखा जा रहा है।