Bagaha News: कांग्रेस के जमाने में सिस्टम कैसे काम करता था, इसका एक उदाहरण बिहार के बगहा जिले में साफ देखने को मिलता है. बगहा के खदरु मियां की इमानदारी से खुश होकर तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने 13 बीघे जमीन देने का ऐलान किया था. इंदिरा गांधी और खदरु मियां दोनों इस दुनिया से जा चुके हैं, लेकिन खदरु का परिवार आज तक 13 बीघे जमीन पाने के लिए सरकारी दफ्तरों के चक्कर काट रहा है. दरअसल, इमानदारी और देशभक्ति की मिसाल कायम करते हुए खदेरु मियां ने करोड़ों का खजाना तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को सौंप दिया था. तब इंदिरा गांधी ने इसके बदले इनाम स्वरुप उन्हें (खदरु मियां) को 13 बीघा जमीन दी थी. खदेरु मियां दर-बदर की ठोकरें खाकर इस दुनिया से चल गए, अब उनका परिवार मुफलिसी के दौर से गुजर बसर कर रहा है. शासन और प्रशासन से उनकी सम्पति दिलाने की मांग कर रहा है.बताया जा रहा है कि वर्ष 1980 में खदेरु मियां बगहा स्टेशन चौक के पास पारचून की दुकान चलाते थे. उसी दुकान के पीछे एक खंडहर नुमा इमारत थी. एक दिन वह शौच के लिए जब वह उस जर्जर मकान में गए तो उन्हें एक चमचमाती वस्तु नजर आई . जिसके बाद उन्होंने कुरेद कर देखा तो सोने का घड़ा नजर आया. खदेरु मियां ने उस घड़ा को जमीन से बाहर निकाला और अपने दुकान पर लाकर लोगों को दिखाया. जब घड़ा खोला गया तो लोगों की आंखें चौंधियां गईं, क्योंकि उसमें करोड़ों के हीरे-जवाहरात और सोने के बिस्किट भरे हुए थे. यह बात जंगल में आग की तरह फैल गई और इसकी भनक प्रशासन को भी लगी. इसके बाद प्रशासन ने खदेरु मियां पर घड़ा सौंपने का दबाव बनाना शुरू कर दिया, लेकिन उनको प्रशासन पर भी विश्वास नहीं था. लिहाजा प्रशासनिक देखरेख में खदेरु मियां को राजधानी दिल्ली ले जाया गया, जहां उन्होंने उसे घड़े को तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी कों सौंपा.
इस पर इंदिरा गांधी ने खदेरु मियां की इमानदारी के लिए उन्हें 13 बीघा जमींन का पट्टा और रेलवे समेत रोडवेज का फ्री पास निर्गत किया था. खुद पूर्व वार्ड पार्षद दयाशंकर सिंह बताते हैं कि खदरु भाई ने ठान ली थी कि यह सोने से भरा घड़ा सरकारी खजाना है और वे इसे प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को हीं सौंपेंगे. जिसके बाद प्रशासन की सुरक्षा के बीच उन्हें दिल्ली ले जाया गया और उन्होंने खुद से वह घड़ा तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को सौंपा था. उनके इस ईमानदारी से प्रधानमंत्री काफी प्रभावित हुईं और डीएम को निर्देशित किया कि खदेरु के ईमानदारी के फलस्वरूप उन्हें सरकारी जमीन गिफ्ट की जाए की थी. खदरु मियां की मृत्यु 5 सितंबर 2021 को हो गई, लेकिन उनके ईमानदारी का फल आज तक नसीब नहीं हो पाया है.
अब उनके नाती मोहम्मद फिरोज ने बताया कि मेरे नाना को इंदिरा गांधी ने 13 बीघा जमीन देने का आदेश दिया था. लेकिन जो जमीन मुहैया कराई गई वह जंगल से सटी थी. लिहाजा आज तक उस जमीन पर हमारा कब्जा नहीं हो पाया है. मेरे नाना डीएम ऑफिस और वन विभाग के दफ्तर में दौड़ते-दौड़ते दुनिया से चल बसे, लेकिन ईमानदारी का इनाम नहीं मिल सका. अब देखने वाली बात होगी कि क्या प्रशासन और सरकार खदरु मियां की ईमानदारी की का हक उनके परिजनों को देते हैं या नहीं.