समस्तीपुर सदर अस्पताल परिसर में सोमवार की शाम उस वक्त हड़कंप मच गया जब निगरानी विभाग की टीम ने हेल्थ मैनेजर विश्वजीत रामानंद को 4 हजार रुपये रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों पकड़ लिया। आरोपी हेल्थ मैनेजर विश्वजीत रामानंद पर शव वाहन चालक से वेतन रिलीज करने के एवज में घूस मांगने का आरोप है।
शिकायतकर्ता शव वाहन चालक जयराम सिंह ने बताया कि अस्पताल में काम करने के एवज में उन्हें प्रतिदिन 301 रुपये मिलते हैं। हेल्थ मैनेजर द्वारा हर महीने वेतन निकालने के नाम पर 1500 रुपये रिश्वत मांगी जाती थी। पेंडिंग चार महीने के वेतन रिलीज करने को लेकर उससे 6 हजार रुपये की मांग की गई थी, जिसमें से 2 हजार पहले ही दिए जा चुके थे। इसके बाद उन्होंने इसकी शिकायत निगरानी विभाग से की। मामला दर्ज करने के बाद निगरानी विभाग ने 4 हजार रूपये शव वाहन चालक जयराम सिंह को दिया और हेल्थ मैनेजर को देने के लिये कहा।
सोमवार की शाम हेल्थ मैनेजर को 4 हजार रुपये देने के दौरान निगरानी विभाग की टीम ने उसे रंगेहाथ पकड़ लिया। इस कार्रवाई के बाद सदर अस्पताल परिसर में अफरा-तफरी मच गई। निगरानी की टीम आरोपी हेल्थ मैनेजर को गिरफ्तार कर सर्किट हाउस ले गयी, जहां से उसे देर रात पटना ले जाया जाएगा। इसके बाद मंगलवार को मुजफ्फरपुर कोर्ट में उसे पेश किया जाएगा। टीम में डीएसपी और अन्य अधिकारी मौजूद थे। विभाग ने पूरे मामले की जांच शुरू कर दी है। इधर खबर लिखे जाने तक निगरानी विभाग के कोई भी अधिकारी कुछ भी बोलने से बचते नजर आ रहे थे। सदर अस्पताल में व्याप्त भ्रष्टाचार को उजागर करने वाली इस कार्रवाई से डाॅक्टर, कर्मचारियों और आम लोगों में खलबली मच गई है।