महिला कांस्टेबल की खुदकुशी से पुलिस प्रशासन में हड़कंप मच गया. घटना की सूचना पर एसपी अरविंद प्रताप सिंह, जिलाधिकारी अलंकृता पांडेय और एसडीपीओ 2 समेत कई अधिकारियों ने मौके का जायजा लिया. पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए सदर अस्पताल भेज दिया. मौके पर पहुंची फॉरेंसिक टीम ने साक्ष्य जुटाए हैं. जेल प्रशासन ने मृतका के परिजनों को सूचना दे दी है. शिवानी कटिहार जिले के मनिहारी थाना अंतर्गत बरौनी गांव की रहने वाली थी.
बैरक में महिला कांस्टेबल ने लगाई फांसी
बेटी की मौत से पिता उपेन्द्र प्रसाद गुप्ता सदमे में हैं. परिजनों का भी रो-रोकर बुरा हाल है. खुदकुशी के कारण का खुलासा अभी नहीं हुआ है. अधिकारियों का कहना है कि मामले की जांच की जा रही है. घटना महिला सिपाही के सहकर्मी भी स्तब्ध हैं. घोसी एसडीपीओ संजीव कुमार ने कहा कि प्रथम दृष्टया मामला आत्महत्या का प्रतीत हो रहा है. उन्होंने ने बताया कि शुरुआती जांच में शादी का टूटना पता चला है. परिजन बेटी की शादी दूसरी जगह करना चाह रहे थे. जबकि बेटी उसी लड़के से शादी करना चाहती थी.
एक महीने में खुदकुशी की तीन वारदात
मामले की सही जानकारी विस्तृत जांच और पूछताछ के बाद पता चलेगी. एक महीने में तीन खुदकुशी की वारदात से पुलिस प्रशासन की चिंता बढ़ गई है. शिवानी की खुदकुशी से पहले भी जिले में दो पुलिसकर्मी जान दे चुके हैं. 11 मई को जिला पुलिस लाइन में तैनात सिपाही विनोद चौधरी ने सर्विस राइफल से खुद को गोली मार ली थी. वहीं, 21 अप्रैल को पर्यटन थाना वाणावर में तैनात सब इंस्पेक्टर परमेश्वर पासवान ने फांसी लगाकर जान दे दी थी. जानकारी के अनुसार परमेश्वर पासवान लीवर कैंसर से पीड़ित थे और महंगे इलाज को लेकर मानसिक तनाव में चल रहे थे.
23 अप्रैल को काको थाना में तैनात एएसआई कुनाल महलदार की मौत टीबी की गंभीर बीमारी के चलते हो गई थी. पुलिस विभाग में लगातार हो रही मौत पर विधायक रामबली सिंह यादव सवाल उठाए हैं. उन्होंने घटना का जिम्मेदार नौकरशाही को ठहराया. विधायक ने कहा कि जवानों को मानसिक और स्वास्थ्य व्यवस्थाओं से गुजरना पड़ रहा है. खुदकुशी की बढ़ती घटनाओं को रोकने के लिए विभागीय स्तर पर काउंसलिंग, स्वास्थ्य जांच और सहयोगी तंत्र को मजबूत करने की सख्त आवश्यक्ता है.