शिक्षा न्याय संवाद' कार्यक्रम के तहत राहुल गांधी दलित छात्र-छात्राओं से संवाद करेंगे. इसी दौरान कांग्रेस के 60 से ज्यादा राष्ट्रीय स्तर के नेता भी राज्य के विभिन्न हिस्सों में एक्टिव रहेंगे. ये कॉलेज, विश्वविद्यालय एवं छात्रावासों का दौरा करके छात्रों से संवाद करेंगे. इस कार्यक्रम का उद्देश्य छात्रों व युवाओं के बीच शिक्षा के अधिकार और सामाजिक न्याय को लेकर जागरूकता फैलाना है.
क्या है 'शिक्षा न्याय संवाद' का मकसद?
'शिक्षा न्याय संवाद' के माध्यम से कांग्रेस शैक्षणिक सत्र में देरी, प्रश्न पत्र लीक, चरमराती शिक्षा-व्यवस्था जैसे मुद्दों को जोर-शोर से उठाने वाली है. बता दें दरभंगा के बाद राहुल गांधी पटना आएंगे. पी एंड एम मॉल में ईबीसी विचारक ज्योतिराव फुले पर आधारित 'फुले' सिविल सोसायटी के प्रतिनिधि एवं दलित समुदाय के लोगों के साथ दिखेंगे.
दरअसल चुनावी वर्ष में कांग्रेस का छात्र-युवाओं पर फोकस है. दलितों को भी साधने की कोशिश की जा रही है. इसी साल होने वाले विधानसभा चुनाव की तैयारी में कांग्रेस जोर शोर से लगी हुई है. राहुल गांधी बिहार में कांग्रेस संगठन में जान फूंकने में लगे हुए हैं. संगठन को धारदार बनाना चाहते हैं.
यह भी साफ है कि कांग्रेस महागठबंधन में रहकर ही चुनाव लड़ेगी, लेकिन पूरे बिहार में खुद को मजबूत करने में लगी हुई है. पिछली (2020) बार पार्टी 70 सीटों पर लड़ी थी. 19 सीट जीत पाई थी. ज्यादा सीटों के लिए लगातार आरजेडी पर दबाव बना रही है. यही कारण है कि आरजेडी की घोषणा के बाद भी महागठबंधन का मुख्यमंत्री उम्मीदवार तेजस्वी को कांग्रेस नहीं मान रही है
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