नई दिल्ली : अगर आप अपनी मेहनत की कमाई को कहीं निवेश करना चाहते हैं तो आपके लिए शानदार मौका है। सरकार इस महीने सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड (SGB) की तीसरी किस्त जारी कर चुकी है। अगले साल फरवरी महीने में एक और किस्त जारी की जाएगी। ऐसे में वेल्थ मैनेजरों की राय है कि एसजीबी की दो किस्तों में निवेशक अपने पैसे को समान रूप से विभाजित कर सकते हैं।फेडरल रिजर्व के संकेत के अनुसार अमेरिका में रेट में कटौती की संभावना, डॉलर के टॉप पर पहुंचने और भू-राजनीतिक तनाव से सोने की कीमतों को समर्थन मिलने की उम्मीद है। वेल्थ मैनेजरों के मुताबिक निवेशकों को गोल्ड में 10% आवंटित करना चाहिए। नवंबर 2015 में लॉन्च होने के बाद से एसजीबी की पहली किस्त 2,684 रुपये प्रति ग्राम पर खरीदी गई थी। आठ साल पूरे होने के बाद 30 नवंबर, 2023 को 6,132 रुपये में भुनाया गया। इससे निवेशकों को 10.87 फीसदी का सालाना रिटर्न मिला। इकॉनमिक टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, डिजिटल भुगतान के लिए निवेशकों को 50 रुपये प्रति ग्राम की छूट के बाद प्रति ग्राम 6,149 रुपये चुकाना होगा। यह सितंबर 2023 में दूसरी किस्त (5,873 रुपये) से 276 रुपये प्रति ग्राम अधिक है। फेड द्वारा ब्याज दरों में जल्द कटौती की चर्चा से पिछले एक महीने में सोने की कीमतों में तेजी आई है और इसमें 4.2% की तेजी आई है। पिछले एक साल में रुपये के लिहाज से सोने में 15.92 फीसदी और डॉलर में 13.88 फीसदी की तेजी आई है। ऐसे में विश्लेषकों का कहना है कि निकट भविष्य में सोने की कीमतों में और तेजी आ सकती है।
गिरावट की संभावना नहीं
क्वॉन्टम म्यूचुअल फंड के फंड मैनेजर गजल जैन का कहना है कि अमेरिका में आर्थिक सुस्ती जैसी स्थिति से इनकार नहीं किया जा सकता, जो आमतौर पर गोल्ड के लिए अनुकूल होती है। गजल का मानना है कि अमेरिकी ब्याज दरों और डॉलर के अब टॉप पर पहुंचने और भू-राजनीतिक तनाव को देखते हुए सोने में ज्यादा गिरावट की संभावना नहीं है।
कैपिटल गेन टैक्स से भी राहत
एंजेल वन के सतीश देसाई का कहना है कि अगर मैच्युरिटी तक गोल्ड बॉन्ड अपने पास रखते हैं, तो इससे कैपिटल गेन टैक्स से भी राहत मिलती है। अमेरिका में रेट कट की बात से पिछले एक महीने में बॉन्ड यील्ड में तेज गिरावट आई है। कम ब्याज दरों से गोल्ड जैसी नॉन-यील्ड असेट्स को रखने की अपॉर्च्युनिटी कॉस्ट कम हो जाती है।
लॉन्ट टर्म में रिटर्न की क्षमता
सेज कैपिटल के संस्थापक निखिल गुप्ता का कहना है कि अगर आप गोल्ड में निवेश करते हैं तो इसमें लॉन्ट टर्म में महंगाई दर को मात देने वाला रिटर्न देने की क्षमता है। इसलिए एसजीबी के माध्यम से लॉन्ग टर्म के पोर्टफोलियो के हिस्से के रूप में सोना रखना निवेशकों के लिए सबसे अच्छा दांव है।