वहीं अपने पार्टी के नेताओं पर सवाल खड़े करते हुए अखिलेश सिंह ने कहा कि कुछ बयान वीरों को बयान देने की आदत है. उनको बयान देने से बचना चाहिए. कांग्रेस बहुत गंभीरता से बिहार विधानसभा चुनाव को ले रही है. विभिन्न क्षेत्रों को चिन्हित कर वहां व्यापक तौर पर काम हो रहा है.
‘जिनको राजनीति की समझ नहीं वो ऐसी बात करते है’
वहीं एबीपी न्यूज से बातचीत के दौरान जब अखिलेश सिंह से पूछा गया कि बिहार कांग्रेस प्रभारी कृष्णा अल्लावरु कहते हैं कि महागठबंधन का CM कैंडिडेट कौन होगा यह महागठबंधन बैठक में तय होगा. वे तेजस्वी को मानने को तैयार नहीं. पायलट ने कहा कि बहुमत आने पर सीएम कौन होगा यह तय होगा. जबकि तेजस्वी ने पटना में दो दिन पहले ही RJD के भुईंयां मुसहर सम्मेलन में खुद को महागठबंधन का सीएम उम्मीदवार मानते हुए कहा कि अपने बेटे तेजस्वी को आशीर्वाद दीजिए, मुख्यमंत्री बनाइए. इसपर अखिलेश सिंह ने अपने ही प्रभारी पर अटैक करते हुए कहा कि जिनको राजनीति की समझ नहीं है वह इस तरह की बात कर सकते है.
कांग्रेस को गठबंधन में लड़ना है, अकेले नहीं लड़ेगी’
उन्होंने कहा कि मैं सीधे तौर पर बोलता हूं बीजेपी जो विश्व की सबसे बड़ी पार्टी है उसको अकेले हिम्मत नहीं है बिहार में चुनाव लड़ने की. वो नीतीश, उपेंद्र कुशवाहा, जीतनराम मांझी और चिराग को साथ रखे हुए है. इसलिए कांग्रेस बिहार में कैसे अकेले लड़ेगी. कांग्रेस को गठबंधन में लड़ना है. अकेले कांग्रेस नहीं लड़ेगी. कांग्रेस बिहार में आत्मघाती कदम नहीं उठा सकती है.
अखिलेश सिंह के बयान पर क्या बोली BJP?
कांग्रेस नेता अखिलेश सिंह के बयान पर बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता अजय आलोक की प्रतिक्रिया आई है. उन्होंने कहा कि अखिलेश सिंह जानते हैं कि बिहार में कांग्रेस की औकात अकेले 5 सीटों पर लड़ने की भी नहीं है. कांग्रेस को लालू के चरण में रहना होगा. महागठबंधन के CM चेहरे पर जो विवाद हो रहा है उस पर कहना चाहूंगा कि खेत तैयार ही नहीं हुआ है और फ़सल काटने की तैयारी पहले ही हो गई. 25 सीट भी महागठबंधन नहीं जीत पाएगा. पहले तेजस्वी नेता प्रतिपक्ष बनने लायक सीटें ले आएं उनकी CM उम्मीदवारी दूर की बात.