जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद सोशल मीडिया पर लगातार तस्वीर और वीडियो वायरल हो रहे हैं। घटनास्थल बायसराना की तस्वीरें सोशल मीडिया पर लगातार वायरल हो रही हैं, जिनमें से हर एक दर्द की कहानी कहती है। बुधवार को सामने आईं कुछ तस्वीरों में घटनास्थल के आसपास बिखरी हुई टोपियां और कीचड़ में फंसे जूते दिखाई दे रहे हैं।ये निशान उस जगह से करीब 200 मीटर दूर मिले हैं, जहां मंगलवार को घायलों और शवों को रखा गया था। जूते-चप्पलों का कीचड़ में धंसना और पथरीले रास्तों पर पड़ी टोपियां इस ओर इशारा करती हैं कि गोलियों की आवाज सुनते ही पर्यटक अपनी जान बचाने को भागे होंगे। संभवतः भगदड़ में उनके जूते इसी कीचड़ में फंस गए होंगे। यह इलाका मुख्य द्वार की ओर जाता है, जहां से लोगों ने सुरक्षा की उम्मीद में दौड़ लगाई होगी। इन तस्वीरों ने एक बार फिर उस दहशत और मासूमों की बेबसी को याद दिला दिया है, जिसने बायसराना के सुंदर माहौल को दर्द से भर दिया
पांच से सात थे दहशतगर्द
जानकारी के अनुसार, पहलगाम के बायसरन में हुए हमले में पांच से सात आतंकवादियों के शामिल होने की आशंका जताई जा रही है। प्रारंभिक जांच के अनुसार, इन आतंकियों ने पाकिस्तान में प्रशिक्षण हासिल किया। इन्हें दो स्थानीय आतंकवादियों से भी मदद मिली। उपलब्ध सबूतों के आधार पर अधिकारियों ने बताया कि मृतक पर्यटकों में से एक की पत्नी की ओर से की गई पहचान के आधार पर बिजबेहरा निवासी आदिल थोकर उर्फ आदिल गुरी की भूमिका सामने आई है।
2018 में पाकिस्तान गया था आदिल
अधिकारियों का मानना है कि आदिल थोकर 2018 में पाकिस्तान गया था। वहां उसने प्रतिबंधित लश्कर-ए-ताइबा (एलईटी) आतंकवादी संगठन के साथ सशस्त्र प्रशिक्षण लिया और फिर हमलों को अंजाम देने के लिए भारत में घुसपैठ की। अधिकारियों ने बताया कि प्रत्यक्षदर्शियों को कम से कम छह से सात तस्वीरें दिखाई गई। इनमें से एक में आदिल की पहचान उस आतंकवादी के रूप में हुई, जो गोली चला रहा था। उन्होंने बताया कि घटना के बाद आतंकवादी पीर पंजाल के घने देवदार के जंगलों में गायब हो गए।
आतंकी बॉडी कैमरा लगाए थे
अधिकारियों ने प्रत्यक्षदर्शियों के हवाले से बताया कि आतंकवादी अपने बर्बर कृत्य को रिकॉर्ड करने के लिए बॉडी कैमरा लेकर आए थे। जांच से पता चला है कि मंगलवार को बायसरन मैदान में चार आतंकवादियों ने पर्यटकों को पंक्तिबद्ध कर नजदीक से गोलियां चलाई। वहीं कम से कम एक से तीन आतंकवादी निकटवर्ती सुरक्षाबलों पर नजर रखने के लिए रणनीतिक रूप से तैनात थे।
तीन हमलावर दरिंदों का स्केच जारी
पहलगाम में जिन तीन आतंकियों ने भयावह हमले को अंजाम दिया था, उनके स्केच सुरक्षा एजेंसियों ने बुधवार को जारी किए। 26 पर्यटकों की जान लेने वाले ये तीनों दरिंदे पाकिस्तानी हैं और उनके नाम आसिफ फौजी, सुलेमान शाह और अबू तल्हा हैं। इनके कोड नाम मूसा, यूनुस व आसिफ थे और वे पहले से पुंछ में आतंकी घटनाओं में शामिल रहे हैं। जबकि अनंतनाग के बिजबेहरा का एक स्थानीय निवासी आदिल गुरी जो 2018 में पाकिस्तान गया था, और पुलवामा का निवासी अहसान की भी पहचान की गई है, ये 2018 में ही पाकिस्तान गया था।
पर्यटकों पर आतंकी हमला, 26 की नृशंस हत्या
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में मंगलवार को आतंकियों ने पर्यटकों पर अंधाधुंध गोलियां बरसा कर 26 लोगों की नृशंस हत्या कर दी। सेना की वर्दी में आए दहशतगर्दों ने पहलगाम की बायसरन घाटी में पर्यटकों से पहले उनका धर्म पूछा, परिचय पत्र देखे और फिर हिंदू हो कहकर गोली मार दी। 26 मृतकों में ज्यादातर पर्यटक हैं, जबकि दो विदेशी और दो स्थानीय नागरिक शामिल हैं।
टीआरएफ ने ली हमले की जिम्मेदारी
हमले में करीब 14 लोग घायल हुए हैं। तीन जुलाई से शुरू होने जा रही श्रीअमरनाथ यात्रा से पहले इस कायराना हमले की जिम्मेदारी पाकिस्तानी आतंकी संगठन लश्कर-ए-ताइबा से जुड़े गुट द रेजिस्टेंस फ्रंट (टीआरएफ) ने ली है। फरवरी, 2019 में पुलवामा में हुए हमले के बाद से जम्मू-कश्मीर में यह सबसे बड़ा आतंकी हमला है। उस हमले में सीआरपीएफ के 47 जवान मारे गए थे।
जम्मू-कश्मीर सरकार देगी हर मृतक के परिवार को 10 लाख
जम्मू-कश्मीर सरकार ने पहलगाम आतंकी हमले में मारे गए हर व्यक्ति के परिवार को 10 लाख रुपये की अनुग्रह राशि देने की घोषणा की। इसके साथ ही राज्य सरकार गंभीर रूप से घायलों को 2 लाख रुपये और मामूली रूप से घायल लोगों के लिए 1 लाख रुपये की अनुग्रह की अनुग्रह राशि देगी।
सैलानी सदमे में, स्थानीय लोग जीविका छिनने की आशंका से बेचैन
पहलगाम की घटना के खिलाफ जम्मू से श्रीनगर तक और अनंतनाग से पुलवामा, पांपोर, रियासी, डोडा, किश्तवाड़ तक एक जैसा माहौल नजर आ रहा है। सैलानी सदमे में हैं तो स्थानीय लोग अपनी जीविका छिनने की आशंका में बेचैन नजर आ रहे हैं। लेकिन, सबकी चाह एक ही है कि इस बार हिसाब कुछ ऐसा होना चाहिए आगे पाकिस्तान व आतंकी कभी ऐसा दुस्साहस न कर पाएं।