जम्मू कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले में 26 लोगों की मौत पर सोशल मीडिया पर एक शख्स ने कुछ ऐसा लिख दिया कि पुलिस की नजर उस पर पड़ गई और बुधवार को वह गिरफ्तार कर लिया गया। उसने लिखा था- "शुक्रिया पाकिस्तान, शुक्रिया लश्कर-ए-तैयबा। अल्लाह की तुम लोगों पर हमेशा रहमत बरसे। आमीन, आमीन"
झारखंड पुलिस ने किया था गिरफ्तार
नौशाद की गिरफ्तारी झारखंड के बोकारो के बालीडीह थानाक्षेत्र के मिल्लतनगर से हुई है। मो. कासिम उर्फ नौशाद को पुलिस ने बोकारो से गिरफ्तार करने के बाद दरभंगा लायी है ताकि उसके बारे में विस्द्तार रूप से जानकारी हासिल किया जा सके। उसके पास से पुलिस ने पासपोर्ट भी बरामद किया है, जिसमें दरभंगा को जन्म स्थान को पैतृक घर बताया गया है। इस आधार पर ही झारखंड पुलिस दरभंगा पहुंचकर उसके नेटवर्क को खंगालने में जुट गई है। हालांकि नौशाद के संबंध में पूछे जाने पर स्थानीय लोग कुछ भी बताने से परहेज कर रहे हैं। उसका घर भी जीर्णशीर्ण अवस्था में पाया गया। लोगों ने बताया कि वह कभी-कभी ही गांव में आता है। जांच-पड़ताल के बाद टीम वापस लौट गई।
जानिये कौन है मो. कासिम उर्फ नौशाद
पुलिस के पूछताछ में उसने बताया कि वह दरभंगा जिला के दरभंगा जिले के सिमरी थानाक्षेत्र स्थित शोभन गांव का मूल निवासी मो. कासिम उर्फ नौशाद है। उसके पिता बोकारो बीएसएल से रिटायर्ड कर्मी हैं। वह पिता के साथ बोकारो में ही रहता है और स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड (सेल) में नौकरी करता है। नौशाद का जन्म चार सितंबर 1994 में जन्म हुआ था उसके पासपोर्ट की वैधता 31 जनवरी 2014 से 30 दिसंबर 2024 तक का पाई गई है।
सीरियल ब्लास्ट से भी था कनेक्शन
पुलिस सूत्रों की मानें तो पटना के गांधी मैदान में पीएम नरेंद्र मोदी की जनसभा के दौरान जो सीरियल ब्लास्ट हुआ था, उसमें सजायाफ्ता आतंकी तहसीन अख्तर उर्फ मोनू से नौशाद के तार को जोड़कर पूरे नेटवर्क को खंगाला जा रहा है। समस्तीपुर जिले के कल्याणपुर थानाक्षेत्र के मनियारपुर निवासी तहसीन दरभंगा में रहकर पॉलिटेक्निक की पढ़ाई कर रहा था। लेकिन यहां रहकर वह इंडियन मुजाहिद्दीन (आईएम) के सह संस्थापक अहमद सिद्दीबप्पा जरार उर्फ यासीन भटकल से मिलकर देश के खिलाफ साजिश रच रहा था।