दिलीप अपनी भाभी के पास ज्यादा समय बिताने लगा। जब भी घर पर पति सोनू नहीं रहता था, तब रानी दिलीप को अपने पास बुला लेती थी। यह सिलसिला दो महीने तक चलता रहा। फिर दोनों के बीच प्यार-मुहब्बत बढ़ने लगी। प्यार इस कदर परवान चढ़ा कि दोनों एक-दूसरे के बिना रह ही नहीं पाते थे। इसी बीच इन दोनों की प्रेम कहानी की भनक रानी के पति सोनू को लग गई।
छह माह पहले रानी और दिलीप को उसके पति सोनू ने रंगे हाथ पकड़ लिया। दोनों के बीच काफी कहासुनी भी हुई। इस बीच दिलीप ने रानी से वादा किया कि वह उसे हर वो सुख देगा जो एक पति देता है। इसके बाद रानी अपने मायके कोयल गांव आ गई। इसके बाद भी दिलीप उसके मायके कोयल गांव में चोरी-छिपे मिलने आया करता था। जब रानी ने शादी करने की बात दिलीप से कही, तो दिलीप उसे टाल-मटोल कर मना करने लगा।
इस दौरान फिर मंगलवार को प्रेमिका रानी के बुलाने पर वह अपने दोस्त के साथ उससे मिलने के लिए उसके घर पहुंचा। दोनों एक कमरे में चोरी-छिपे बात कर रहे थे। तभी ग्रामीणों को प्रेमी के आने की भनक मिल गई। इसके बाद बिना देर किए ग्रामीण लाठी-डंडे लेकर लड़की के घर पहुंचे और दरवाजा खुलवाया। ग्रामीणों ने प्रेमी दिलीप को धर-दबोचा और हंगामा शुरू कर दिया।
गांव वालों की हल्ले की आवाज सुनकर अन्य ग्रामीण और पंचायत के सदस्य मौके पर जुट गए। इसके बाद प्रेमी को भीड़ ने घेर लिया। फिर पंचायत में प्रेमिका के घरवाले, पहले पति सोनू और प्रेमी के घरवालों को बुलवाकर पंचायत की गई। काफी देर तक हाई वोल्टेज ड्रामें के बाद ग्रामीणों और परिजनों ने आपसी सहमति से प्रेमी-प्रेमिका की शादी कराने का निर्णय लिया।
इस दौरान प्रेमी शादी से इनकार कर रहा था। उसका कहना था कि लड़की को तलाक नहीं मिला है, तो मैं कैसे शादी कर लूं। लेकिन रानी का पहला पति सोनू कहने लगा कि मैं इस लड़की को नहीं रखूंगा। अगर दिलीप से शादी करना चाहती है, तो मुझे कोई दिक्कत नहीं है। जहां भी इसे खुशी मिलती है, वहां रहे। वहीं, रानी अपने प्रेमी दिलीप के साथ रहना चाहती थी।
इसके बाद कोयल गांव के ही शिव मंदिर में हिंदू रीति-रिवाज से दोनों की शादी करवा दी गई और उसे प्रेमी के घर ससुराल भी विदा कर दिया गया। शादी के दौरान पंचायत की तरफ से एक रजामंदी का पत्र भी सौंपा गया। इस मौके पर पैक्स अध्यक्ष शैलेश राय, उप सरपंच मनोज यादव, वार्ड पार्षद अशोक ठाकुर समेत अन्य लोग मौजूद थे