मुश्ताक और पूजा की मुलाकात 2022 में रुद्रपुर रोडवेज बस में हुई थी, जब वे गुरुग्राम जा रहे थे। मुश्ताक ने खुद को अजीत बताकर पूजा से दोस्ती की। पूजा, जो पहले से शादीशुदा थी और अपने पति से अलग होकर दो बच्चों (एक बेटा और एक बेटी) के साथ गुरुग्राम में अपनी बहन के साथ रहती थी, मुश्ताक के झांसे में आ गई। दोनों ने गुरुग्राम में लिव-इन रिलेशनशिप शुरू की। इस दौरान मुश्ताक ने शादी का ड्रामा रचा, लेकिन असल में उसकी मंशा पूजा के पैसे हड़पने और उसका शोषण करने की थी।
मुश्ताक ने अक्टूबर 2024 में सितारगंज में एक मुस्लिम युवती से दूसरी शादी कर ली। जब पूजा को इसकी जानकारी मिली, तो वह सितारगंज पहुंची और उसने विरोध किया। इस दौरान दोनों के बीच झगड़ा हुआ, और मुश्ताक के परिवार ने उन्हें घर से निकाल दिया। पूजा ने सितारगंज थाने में शिकायत भी की, लेकिन उसकी गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज नहीं हुई। इसके बाद 19 दिसंबर 2024 को पूजा की बहन ने गुरुग्राम के सेक्टर-5 थाने में उसकी गुमशुदगी की शिकायत दर्ज की।
हरियाणा पुलिस ने कॉल डिटेल्स और जांच के आधार पर मुश्ताक को 30 अप्रैल 2025 को सितारगंज के गौरीखेड़ा से गिरफ्तार किया। उसकी निशानदेही पर पूजा का सड़ा-गला धड़ नदन्ना नहर से बरामद हुआ, लेकिन सिर अभी तक नहीं मिला। पूजा के भाई ने उसके दुपट्टे से शव की पहचान की। मुश्ताक को कोर्ट में पेश कर छह दिन की पुलिस रिमांड पर लिया गया है। पुलिस ने बताया कि हत्या का कारण प्रेम प्रसंग और दूसरी शादी का विरोध था।
मुश्ताक पहले उत्तराखंड के खटीमा में पंचर की दुकान चलाता था, लेकिन बाद में उसने टैक्सी चलाना शुरू कर दिया। वह सितारगंज और खटीमा दोनों जगह रहता था और इलाके से अच्छी तरह वाकिफ था। उसने सुनसान जगह का चुनाव कर हत्या को अंजाम दिया। हत्या के बाद वह मंगलूरू, कर्नाटक भाग गया था और वहां पंचर की दुकान चला रहा था। पुलिस ने उसके परिवार पर दबाव डालकर उसे वापस बुलाया और गिरफ्तार किया।