मजबूरन पेपर रद्द करना पड़ा: तेजस्वी
तेजस्वी यादव ने लिखा, "2000 पदों की बहाली परीक्षा में पेपर लीक कराकर मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार और बीजेपी को 100 करोड़ रुपये कमाने थे, लेकिन एक ऑडियो वायरल हुआ, खबर छपी तो मजबूरन पेपर रद्द करना पड़ा. अब बीजेपी-जेडीयू सरकार कह रही है कि हमारे पेट पर लात मार दी, परीक्षा माफिया से लिए 100 करोड़ रुपये अब आगे की परीक्षाओं में पेपर लीक कराकर एडजस्ट करेंगे. एनडीए सरकार बिहार के युवाओं के वर्तमान और भविष्य के साथ खेल रही है. मुख्यमंत्री पेपर लीक पर कभी कुछ बोलेंगे नहीं."
सीएचओ के 4500 पदों पर होनी थी बहाली
बता दें कि सीएचओ के 4500 पदों पर बहाली के लिए यह परीक्षा हो रही थी. दो दिन परीक्षा होनी थी. रविवार को पहला दिन था. सोमवार को भी परीक्षा होनी थी लेकिन एग्जाम नहीं हुआ और पेपर को रद्द कर दिया गया. पहले दिन पटना के 12 ऑनलाइन केंद्रों पर परीक्षा का आयोजन किया गया था. अब इस पूरे मामले में आर्थिक अपराध इकाई की टीम जांच कर रही है. गिरोह में शामिल लोगों की गिरफ्तारी के लिए विशेष टीम का गठन भी किया गया है.
अब जब पेपर रद्द कर दिया गया है तो विपक्ष सरकार को घेरने में लगा है. इससे पहले भी कई परीक्षाओं में बिहार में पेपर लीक हो चुका है. यह कोई पहला मामला नहीं है. इसी को लेकर तेजस्वी यादव ने नीतीश सरकार पर निशाना साधा है.