अपर मुख्य सचिव डॉ. एस. सिद्धार्थ का कहना है कि विद्यालय के निरीक्षण के दौरान प्रायः यह देखा जा रहा है कि प्रधानाध्यापक/प्रधान शिक्षक का अधिकांश समय मध्याह्न भोजन के संचालन/व्यवस्था में व्यतीत हो रहा है. इससे शैक्षणिक गतिविधियों प्रभावित हो रही है. साथ ही साथ मध्याह्न भोजन को लेकर प्रधानाध्यापक और प्रधान शिक्षक के बीच समय-समय पर विवाद भी उत्पन्न हो रहा है. इसी के मद्देनजर प्रत्येक जिले के एक प्रखंड में पायलट प्रोजेक्ट चलाया जाएगा.
समीक्षा के बाद सभी स्कूलों में होगा लागू
कहा गया है कि पायलट प्रोजेक्ट के तहत प्रत्येक जिले के एक-एक प्रखंड के स्कूलों में यह व्यवस्था 13 मई से 13 जून तक रहेगी. इस योजना की समीक्षा के बाद इसे अन्य सभी स्कूलों में लागू किया जाएगा. निर्देश दिया गया है कि मध्याह्न भोजन योजना के प्रभारी शिक्षक विद्यालय प्रारंभ होने के एक घंटे बाद ही बच्चों की उपस्थिति का फोटोग्राफ लेंगे. बच्चों की संख्या के अनुरूप मध्याह्न भोजन बनाने के लिए खाद्यान्न एवं अन्य सामग्री रसोइया को उपलब्ध कराएंगे.
प्रभारी शिक्षक हर दिन मध्याह्न भोजन योजना से लाभान्वित बच्चों की भोजन करते तस्वीर लेंगे और इसे तिथिवार मेंटेन करेंगे. प्रभारी शिक्षक का मूल कार्य मध्याह्न भोजन का संचालन करना होगा. यदि विद्यालय का कोई शिक्षक इसका प्रभार लेने से मना करता है तो इसके लिए जिला शिक्षा पदाधिकारी को आवेदन देना होगा. इसके बाद डीईओ के द्वारा किसी अन्य शिक्षक को इसका प्रभार दिया जाएगा