बिहार में बीजेपी को स्थापित करने में सबसे अहम योगदान कैलाशपति मिश्रा का है. 1980 में जब बीजेपी की स्थापना हुई, तब वे बीजेपी के पहले बिहार अध्यक्ष बने थे. कैलाशपति मिश्रा ने 1995 से 2003 तक भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष के रूप में भी काम किया. बिहार में भारतीय जनता पार्टी के भीष्म पितामह के रूप में जाने जाने वाले कैलापति मिश्रा को जाना जाता है.
सुशील कुमार मोदी बिहार में बीजेपी के सबसे बड़े नेता माने जाते थे. बिहार में भारतीय जनता पार्टी को आगे बढ़ाने में बहुत काम किया. साल 2005 में सुशील कुमार मोदी ने नीतीश कुमार के साथ मिलकर एनडीए की सरकार बनाई थी. बिहार में बीजेपी एक वक्त में सबसे बड़ा चेहरा सुशील कुमार मोदी थे. सुशील कुमार मोदी के बिना बिहार में बीजेपी की चर्चा नहीं हो सकती थी. इसके बावजूद आज तक भारतीय जनता पार्टी राज्य की सरकार में शामिल तो है, लेकिन नेतृत्व खुद के हाथों में नहीं है.
बिहार से पूर्व राज्यपाल गंगा प्रसाद चौरसिया बीजेपी के संस्थापक सदस्यों में से एक थे. जब साल 1980 बीजेपी का गठन हुआ तो वे बीजेपी बिहार फंड प्रमुख बने. उन्हें बिहार में भारतीय जनता पार्टी के पहले कुछ सदस्यों में से एक माना जाता है. उन्होंने साल 1985 बीजेपी के टिकट पर दानापुर निर्वाचन क्षेत्र से अपनी किस्मत आजमाई, लेकिन सफल नहीं हो सके, लेकिन बिहार में बीजेपी के लिए लगातार काम करते रहे थे
बिहार में बीजेपी के सफर को जानिए
6 अप्रैल 1980 को भारतीय जनता पार्टी अपने स्थापना के बाद बिहार में उसी साल बिहार विधानसभा का चुनाव लड़ा. इस चुनाव में बीजेपी के 21 विधायक जीतकर आए थे. साल 1985 में बीजेपी को 16 सीटों पर जीत मिली थी. साल 1990 में 39 विधानसभा सीटों पर भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी को जीत मिली थी. साल 1995 में 41 पर बीजेपी को जीत हासिल हुई थी. साल 2000 के विधानसभा चुनाव में समता पार्टी से गठबंधन के बाद बीजेपी को 67 सीटों पर विजय हासिल हुई थी. फरवरी 2005 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी के 37 विधायक बने. वहीं, नवंबर 2005 में 55 सीटों पर भारतीय जनता पार्टी ने जीत हासिल की. साल 2010 के विधानसभा चुनाव में 91 सीटों में जीत मिली थी. साल 2015 में 53 विधानसभा सीटों पर बीजेपी के प्रत्याशी जीते थे. वहीं, साल 2020 में 74 सीटों पर भारतीय जनता पार्टी ने जीत हासिल की.