SHEOHAR; राष्ट्र निर्माण में मीडिया की होती है बड़ी भूमिका; देवव्रत नंदन सिंह
गरीब दर्शन/ शिवहर
शिवहर राज परिवार से ताल्लुक रखने वाले राज लक्ष्मी ग्रुप के निदेशक देवव्रत नंदन सिंह उर्फ सोनू बाबू ने शनिवार को अपने आवास पर राष्ट्रीय प्रेस दिवस के अवसर शिवहर जिला के सभी पत्रकारों को सम्मानित किया। इस मौके पर सोनू बाबू कहा जनता और नीति निर्माताओं के बीच मध्यस्थ की भूमिका एक पत्रकार ही निभाता हैं।ये पत्रकार कुलीन वर्ग द्वारा बोले गए संदेश को सुनाते हैं और उन्हें रिकार्ड करते हैं।तत्पश्चात इस सूचनाओं को संसोधित किया जाता है और जनता के हितार्थ सूचना के लिए प्रकाशित किया जाता हैं।
राष्ट्रीय प्रेस दिवस पर सोनू बाबू ने बड़े शानदार तरीके से पत्रकार बंधुओं के साथ एक दूसरे से हाथ मिलाते हुए राष्ट्रीय प्रेस दिवस की शुभकामनाएं दीं।इस मौके पर बड़े ही विस्तार से राष्ट्रीय प्रेस दिवस पर प्रकाश डालते हुए कहा प्रत्येक वर्ष 17 नवंबर को राष्ट्रीय प्रेस दिवस मनाया जाता हैं।1920 के दशक के दौरान लेखक वाल्टर लिपमैंन और एक अमेरिकी दार्शनिक जान डेवी ने एक लोकतांत्रिक समाज मे पत्रकारिता की भूमिका पर अपने विचार विमर्श को प्रकाशित किया था।यह वह समय था जब आधुनिक पत्रकारिता अपने वास्तविक रूप में आ रहा था।
उन्होंने कहा सरकार ने प्रेस संगठनो और पत्रकारों के लिए अनेक नीतियों को निर्धारित किया है।जिसके संदर्भ में वे अपने कार्यो को एक तरफ जारी रखते हैं और उसपर अनुसंधान भी करते हैं।साथ ही संस्थाओं के द्वारा प्रकाशित भी किया जाता हैं।वे इसका परीक्षण भी करते हैं।पत्रकारों को कुछ विशेषाधिकार हैं जो कि आम जनता को प्राप्त नहीं हैं।वे वरिष्ठ अधिकारियों, नेताओं,मशहूर हस्तियों और अन्य व्यक्तियों के साक्षात्कार करने का अधिकार प्राप्त है।इसके अलावा वे पत्रकार जो कि सुरक्षा की दृष्टि से संवेदनशील हैं,उन पत्रकारों को सरकार द्वारा विशेष संरक्षण भी दिया जाता है।
उन्होंने कहा पत्रकारिता में नैतिकता के विविध सिद्धान्त को भी शामिल किया गया हैं।जो पत्रकारों के सामने आनेवाली विभिन्न चनौतियों के संदर्भ में लागू होते हैं।इन सिद्धांतों को “पत्रकारिता के सिद्धांत” या पेशेवर आचार संहिता के रूप मेँ जाना जाता हैं।इन सिद्धांतों का पेशेवर पत्रकारिता संघों के साथ ही प्रसारण और आँन लाईन समाचार संगठनों द्वारा भी अनुसरण किया जाता हैं। जो ठीक नहीं है।
पत्रकार की सूचना के संदर्भ में देश की अखंडता,सूचना की तटस्थता,वैधता और सार्वजनिक जवाबदेही के लिए हमेशा तैयार रहना चाहिए।साथ ही पत्रकारिता के सिद्धान्तों का पालन करना चाहिए ताकि जनता में स्वच्छ सूचना का न केवल प्रसारण हो सके बल्कि उससे जनता लाभान्वित हो सके।
उन्होंने कहा कि पत्रकारिता से अगर आप जुड़ें है तो नैतिकता भी आप में होनी चाहिए यह नुकसान की सीमा के सिद्धांत को शामिल करता हैं।इनसे किसी की साख की नुकसान होने से बचाया जा सकता हैं।साथ ही नाबालिग बच्चों,अपराध पीड़ितों और अन्य नागरिको की प्रतिष्ठा को बचाया जा सकता हैं।
उन्होंने कहा कि सूचना के विभिन्न स्रोतों के संदर्भ में कुछ गोपनीयता पत्रकारों के द्वारा बनाया जाना आवश्यक होता हैं।यह कानून सरकार द्वारा मांगी गई गोपनीय सूचना से जुड़े स्रोतों के संदर्भ में पत्रकारों के लिए एक कानूनी संरक्षण देता हैं और उनकी पहचान को बनाएं रखने में मदद करता हैं साथ ही प्रेस की स्वतंत्रता का विस्तार करता हैं।इसके अलावा भारत मे पत्रकारिता से जुड़े अनेक ऐसे कानून हैं जोकि संवेदनशील सूचना की रिपोर्टिग करने में पत्रकारों को प्रतिबंन्धित करता हैं।
20 वीं शताब्दी के दौरान सेलिब्रिटी पत्रकारिता का जन्म हुआ।जिसके अंतर्गत फ़िल्म कलाकारों,मॉडलों और मनोरंजन उधोग में अन्य पहचान रखने वाले लोग शामिल थे।इसके अलावा कई मशहूर लोगों के निजी जीवन पर केंद्रित पत्रकारिता का भी प्रांरभ हुआ।सेलिब्रिटी पत्रकारिता, फीचर लेखन से पूरी तरह से अलग हैं।इसके अंतर्गत सिर्फ उन्हीं लोगों की रिपोर्टिंग की जाती हैं, जोकि जनमानस के मध्य पूरी तरह से चर्चित हैं।इसमें विशेषकर राजनीतिक वर्ग के लोग शामिल हैं।
ऐसा कहाँ जाता हैं कि पत्रकारों में अक्सर निष्पक्षता को अस्वीकार करने की प्रवृत्ति होती हैं।वे सामान्य समय में अन्य आम मानकों और नैतिकता को बनाएं रखने में ध्यान देते हैं।
जिस के रास्ते पर चलने की जरूरत है।
सोनू बाबू से सम्मानित होने वाले पत्रकारों में पत्रकार हरिकांत सिंह,हेमन्त कुमार सिंह,संजय गुप्ता, सुनील गिरी, अजय मिलन, प्रवीण मिश्रा, समीर झा, मनीष नंदन सिंह, आकिब रेजा, मोहम्मद हसनैन, सुमित सिंह, संजीत मंडल,अरुण कुमार साह,रवि शंकर प्रसाद, मुकेश झा, अरूण कुमार रौशन,गजेंद्र कुमार सिंह,स्वदेश सिंह, राकेश चौधरी,,रंजीत मिश्रा, नवीन पांडे, मधु सिंह, स्वदेश सिंह ,सुजीत कुमार,मकसूद आलम, राहुल झा, मदन सिंह आदि शामिल रहे।