केंद्र सरकार ने शनिवार को देश के मीडिया चैनलों से रक्षा अभियानों और सुरक्षा बलों की आवाजाही का सीधा प्रसारण करने से बचने की सलाह दी है और कहा कि इस तरह की रिपोर्टिंग से जाने-अनजाने में दुश्मनों को मदद मिल सकती है। ये सलाह जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद जारी की गई है।सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने जारी की सलाह
सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने सभी मीडिया चैनलों को राष्ट्रीय सुरक्षा के हित में रक्षा अभियानों और सुरक्षा बलों की आवाजाही का सीधा प्रसारण न करने की सलाह जारी की है। मंत्रालय की तरफ से जारी सलाह में कहा गया है, 'राष्ट्रीय सुरक्षा के हित में, सभी मीडिया प्लेटफॉर्म, समाचार एजेंसियों और सोशल मीडिया उपयोगकर्ताओं को सलाह दी जाती है कि वे रक्षा और अन्य सुरक्षा-संबंधी अभियानों से संबंधित मामलों पर रिपोर्टिंग करते समय अत्यधिक जिम्मेदारी का बरतें और मौजूदा कानूनों और विनियमों का सख्ती से पालन करें।'
ऐसी रिपोर्टिंग से सुरक्षाबलों को खतरा- मंत्रालयसलाह में कहा गया कि 'रक्षा अभियानों या सुरक्षा बलों की गतिविधियों से जुड़ी कोई भी कवरेज, दृश्य प्रसारण या 'स्रोतों' से प्राप्त जानकारी आधारित रिपोर्टिंग नहीं की जानी चाहिए।' मंत्रालय ने यह भी कहा कि संवेदनशील जानकारी का समय से पहले खुलासा दुश्मनों की मदद कर सकता है और इससे ऑपरेशनल प्रभावशीलता और सुरक्षा कर्मियों की जान को खतरा हो सकता है।मंत्रालय ने कारगिल और 2008 आतंरी हमले का किया जिक्रइस दौरान मंत्रालय के सलाह में 1999 के कारगिल युद्ध, 2008 के मुंबई आतंकवादी हमले और कंधार हाइजैकिंग जैसे घटनाओं का जिक्र किया गया, जब 'अविचारपूर्ण कवरेज के कारण राष्ट्रीय हितों पर नकारात्मक प्रभाव पड़ा।'