Bada Mangal 2025: वैशाख पूर्णिमा के बाद ज्येष्ठ माह की शुरुआत हो गई है। धार्मिक और आध्यात्मिक दृष्टि से ज्येष्ठ का महीना बहुत ही विशेष माना जाता है, क्योंकि इस दौरान भगवान विष्णु और हनुमान जी की विशेष आराधना की जाती है। ज्येष्ठ माह के मंगलवार को बड़ा मंगल कहा जाता है। मान्यता है कि इस दिन विधि-विधान से हनुमान जी की पूजा करने पर जीवन के कष्ट, ग्रह दोष और बाधाएं दूर हो जाती हैं। ज्येष्ठ माह की शुरुआत मंगलवार से हो रही है, यानी पहला दिन मंगलवार होने की वजह से इसका महत्व और भी बढ़ जाता है। माना जाता है इस दिन हनुमान जी की पूजा अर्चना करने से उनकी उपासना करने से परम पुण्य की प्राप्ति होती है। इस वर्ष ज्येष्ठ मास का आरंभ एक दुर्लभ योग के साथ हो रहा है। आइए जानते हैं इस दिन कौन-कौन से विशेष संयोग बन रहे हैं।
दुर्लभ संयोग
ज्येष्ठ माह का पहला बड़ा मंगल 13 मई 2025 को पड़ रहा है। इस दिन 'वरियान योग' और 'विशाखा नक्षत्र' का संयोग बन रहा है, जिसे अत्यंत शुभ माना जाता है। साथ ही यह दिन मंगलवार का है, यानी ज्येष्ठ मास का प्रारंभ बुढ़वा मंगल से हो रहा है, जो धार्मिक दृष्टि से बहुत ही मंगलकारी है। ऐसी मान्यता है कि इस दिन हनुमान जी की पूजा करने से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।
बड़ा मंगल की तिथियां
इस वर्ष बड़ा मंगल की पूजा पांच मंगलवारों को की जाएगी।
पहला बुढ़वा मंगल – 13 मई 2025
दूसरा बुढ़वा मंगल – 20 मई 2025
तीसरा बुढ़वा मंगल – 27 मई 2025
चौथा बुढ़वा मंगल – 2 जून 2025
पांचवां बुढ़वा मंगल – 10 जून 2025
ग्रह दोष से मुक्ति पाने के लिए उपाय
ज्येष्ठ मास के पहले ही दिन एक विशेष और दुर्लभ योग बन रहा है। बड़ा मंगल के संयोग में यदि व्यक्ति हनुमान मंदिर जाकर बजरंगबली को चमेली का तेल चढ़ाकर सिंदूर से चोला अर्पित करता है, तो ग्रह दोष, विशेषकर शनि और मंगल के प्रभाव से मिल रही पीड़ा समाप्त हो सकती है। हनुमान जी की कृपा से जीवन में शुभता और सफलता आती है।
धार्मिक महत्व
हनुमान जी को भगवान श्रीराम के परम भक्त के रूप में पूजा जाता है। धार्मिक मान्यता है कि उनकी उपासना करने से नकारात्मक शक्तियों, आकस्मिक दुर्घटनाओं जैसे संकटों से रक्षा मिलती है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार हनुमान जी की पूजा से शनि और मंगल ग्रह के अशुभ प्रभावों में भी कमी आती है। विशेष रूप से बड़ा मंगल के दिन हनुमान जी का स्मरण करने से भक्तों पर उनकी विशेष कृपा बनी रहती है।