इधर कोरोना से निपटने के लिए बिहार के अस्पतालों में सतर्कता बढ़ा दी गई है। डॉक्टरों के कक्ष में मरीजों को मास्क पहनकर ही जाने की सलाह दी जा रही है। मेडिकल कॉलेज एनएमसीएच, आईजीआईएमएस में कोरोना की जांच शुरू कर दी गई है। एक सप्ताह में दोनों अस्पतालों में लगभग दो दर्जन मरीजों की कोरोना जांच हुई है। आईजीआईएमएस के माइक्रोबायोलॉजी विभाग के एक वरीय चिकित्सक ने बताया कि ऑपरेशन के लिए आनेवाले गंभीर मरीजों की यहां पहले से ही कोरोना जांच हो रही थी।
कोरोना जांच पूरी तरह से कभी बंद नहीं थी। एनएमसीएच में तीन दिनों से कोविड की जांच शुरू है। संस्थान के माइक्रोबायोलॉजी विभाग में कुछ पुरानी किट बची हुई थी, उससे जांच शुरू की गई है। अभी कुल 12 लोगों का सैंपल जांच के लिए लिया गया है। पटना में मंगलवार तक मिले नौ कोरोना पीड़ितों में से तीन पूरी तरह से ठीक हैं। तीन का इलाज एम्स में चल रहा है। तीन सर्दी, खांसी, सिर और देह में दर्द जैसे लक्षण से पीड़ित हैं। ये तीनों घर में ही रहकर दवा ले रहे हैं। नौ में से चार एम्स के (दो डॉक्टर और दो नर्सिंग स्टाफ), एक कंकड़बाग, दो एनएमसीएच, एक रूपसपुर और एक आईसीएआर कैंपस का है। सिविल सर्जन डॉ. अविनाश कुमार सिंह ने बताया कि इनमें से किसी की भी यात्रा का इतिहास नहीं था।