कन्हैया कुमार ने क्या कहा?
कन्हैया कुमार ने कहा कि समाज को समानता की ओर ले जाना ही इस यात्रा का मूल उद्देश्य है. उन्होंने देश की मौजूदा हालात को लेकर कहा, आज हम कहीं भी सुरक्षित नहीं है. कुंभ में जाते हैं, तो भगदड़, ट्रेन में बैठते हैं तो एक्सीडेंट, सड़क पर चलते हैं तो हादसा और प्लेन में सफर करते हैं. जान गंवानी पड़ती है. फिर भी अंधभक्त कहते हैं कि देश सुरक्षित हाथों में है
.कन्हैया कुमार ने निजीकरण पर हमला करते हुए कहा, आज ट्रेनें बिक रही हैं, प्लेन बिक रहे हैं, देश की संपत्तियां औने-पौने दाम पर कुछ खास दोस्तों को बेची जा रही हैं. उन्होंने यह भी कहा कि देश में चुनावों की चर्चा गलत दिशा में जा रही है. हर कोई पूछ रहा है कि अगला मुख्यमंत्री कौन होगा, लेकिन सवाल यह होना चाहिए कि क्या हमारे लिए स्कूल बनेगा? क्या अस्पताल बनेगा? क्या सड़क बनेगी? अगर ये नहीं होगा, तो कौन मुख्यमंत्री बना या प्रधानमंत्री बना, इससे क्या फर्क पड़ता है.
कांग्रेस कार्यकर्ताओं से आह्वान
कन्हैया ने कांग्रेस कार्यकर्ताओं से आह्वान किया कि वे सिर्फ सुपौल की पांच विधानसभा सीटों पर नहीं, बल्कि पूरे बिहार की 243 सीटों पर सामाजिक परिवर्तन का बिगुल बजाएं. उन्होंने कहा, "प्रत्याशी कौन है, चुनाव चिन्ह क्या है? ये नहीं देखना है. ये देखना है कि इस देश में एक संघर्ष चल रहा है. अन्याय बनाम न्याय का.
उन्होंने देश की आर्थिक नीतियों पर सवाल उठाते हुए कहा, सरकार गरीबों से टैक्स वसूलती है और अमीरों का कर्ज माफ कर देती है. 16 लाख करोड़ रुपये का कर्ज बड़े उद्योगपतियों का माफ किया गया है और गरीबों से कहा जाता है कि सड़क बनाने के लिए पैसा नहीं है, अस्पताल के लिए फंड नहीं है, शिक्षा और रोजगार के लिए बजट नहीं है.