na:देश के नए मुख्य न्यायाधीश जस्टिस संजीव खन्ना ने पद की शपथ लेने को एक सम्मान का अवसर कहा. सुप्रीम कोर्ट की तरफ से सोमवार (11 नवंबर) को जारी एक आधिकारिक प्रेस नोट में कहा गया है कि लोकतंत्र के तीसरे स्तंभ के मुखिया की भूमिका निभाने के अवसर से चीफ जस्टिस गौरवान्वित महसूस कर रहे है. उन्होंने कहा है, "न्यायपालिका व्यवस्था का एक अभिन्न हिस्सा है, पर यह स्वतंत्र है. संविधान न्यायपालिका को संवैधानिक संरक्षक और मौलिक अधिकारों के रक्षक की भूमिका देता है. न्याय देने की अहम जिम्मेदारी न्यायपालिका पर है."
भारत के 51वें चीफ जस्टिस ने न्याय व्यवस्था की निष्पक्षता पर ज़ोर देते हुए कहा “लोगों की आर्थिक या सामाजिक हैसियत को न देख कर न्याय व्यवस्था सबको समान मौका देती है. वह सबके प्रति निष्पक्ष होती है. यही इसका मूल सिद्धांत है." उन्होंने कहा है कि न्यायपालिका लोगों के अधिकारों की रक्षा और विवादों के न्यायपूर्ण निपटारे के लिए समर्पित है.
'देश के हर नागरिक को न्याय दे पाना होगी प्राथमिकता'
सोमवार, 11 नवंबर को कार्यभार संभालने वाले चीफ जस्टिस खन्ना ने कहा है कि इस महान देश के हर नागरिक को न्याय दे पाना उनकी प्राथमिकता होगी. लंबित मुकदमों की संख्या घटाना और न्याय को सबकी पहुंच में लाना ज़रूरी है. वह लोगों के प्रति केंद्रित नजरिए से काम करेंगे. वह जटिल न्यायिक प्रक्रिया को सरल बनाने पर ध्यान देंगे. अदालतों को लोगों की पहुंच में लाने और जहां संभव हो सुलह-समझौते के जरिए विवादों के समाधान का भी प्रयास किया जाएगा.
क्रिमिनल जस्टिस सिस्टम में करेंगे सुधार की कोशिश
उन्होंने कहा है कि न्याय व्यवस्था को लेकर लोगों की प्रतिक्रियाओं पर भी ध्यान दिया जाएगा. यह कोशिश होगी न्यायिक प्रक्रियाएं लोगों के लिए सरल बन सकें. वह आपराधिक न्याय व्यवस्था में सुधार की कोशिश करेंगे. मुकदमों की अवधि को कम करने का भी प्रयास किया जाएगा. यह देखा जाएगा कि न्यायिक प्रक्रिया लंबी और थकाऊ न हो.