Waqf Amendment Bill: बीजेपी नेता को वक्फ बिल का समर्थन करना भारी पड़ा है। बिल के विरोधियों ने बीजेपी नेता के घर में आग लगा दी। इससे इलाके में हड़कंप मच गया। वहीं इस घटना के बाद भाजपा नेता सोशल मीडिया के माध्यम से लोगों को माफी भी मांगी। उन्होंने कहा कि उनकी मंशा किसी की भावनाओं को ठेस पहुंचाना नहीं था। मामला मणिपुर का है। जानकारी अनुसार मणिपुर के थौबल जिले में भारतीय जनता पार्टी (BJP) के अल्पसंख्यक मोर्चा की मणिपुर इकाई के अध्यक्ष असकर अली के घर को भीड़ ने आग के हवाले कर दिया।
बीजेपी नेता के घर को किया आग के हवाले
बताया जा रहा है कि यह घटना उस समय हुई जब अली ने वक्फ संशोधन अधिनियम 2025 के समर्थन में सोशल मीडिया पर बयान दिया था। अधिकारियों की मानें तो यह घटना थौबल जिले के लिलोंग इलाके में घटी। बताया जा रहा है कि रात करीब 9 बजे बड़ी संख्या में लोग असकर अली के घर के बाहर एकत्र हुए तोड़फोड़ की और बाद में घर में आग लगा दी। अगजनी की इस घटना ने इलाके में तनाव फैला दिया है। आनन फानन में इसकी सूचना पुलिस को दी गई।
बीजेपी नेता ने मांगी माफी
सूचना मिलते ही मौके पर पहुंची पुलिस ने स्थिति को नियंत्रित किया। आग पर काबू पाया गया जिसके बाद असकर अली ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो जारी कर अपने बयान के लिए माफी मांगी और अधिनियम के प्रति अपना विरोध भी जाहिर किया। उन्होंने कहा कि उनकी मंशा किसी की भावनाएं आहत करने की नहीं थी। मालूम हो कि वक्फ संशोधन बिल दोनों सदनों से पारित होने के बाद और राष्ट्रपति से मंजूरी मिलने के बाद अब कानून बन गया है।
इंफाल घाटी में वक्फ संशोधन अधिनियम के खिलाफ उबाल
बता दें कि, इससे पहले दिन में इंफाल घाटी के विभिन्न हिस्सों में वक्फ संशोधन अधिनियम के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन हुए। लिलोंग में 5,000 से अधिक लोगों ने रैली में भाग लिया। जिससे राष्ट्रीय राजमार्ग-102 पर यातायात घंटों बाधित रहा। प्रदर्शनकारियों ने वक्फ अधिनियम में बदलाव को मुस्लिम समुदाय के अधिकारों के खिलाफ बताया और सरकार से इसे वापस लेने की मांग की।
राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद बना कानून
गौरतलब हो कि, वक्फ संशोधन अधिनियम 2025 को इसी सप्ताह संसद ने पारित किया था। इसके तहत वक्फ बोर्ड की कार्यप्रणाली में पारदर्शिता और जवाबदेही बढ़ाने के कई प्रावधान किए गए हैं। राज्यसभा ने अधिनियम को 128 मतों के समर्थन और 95 मतों के विरोध के साथ मंजूरी दी थी, जबकि लोकसभा में 288 सांसदों ने इसका समर्थन किया और 232 ने विरोध। इसके साथ ही संसद ने मुसलमान वक्फ (निरसन) विधेयक, 2025 को भी पारित कर दिया है जो स्वतंत्रता-पूर्व लागू मुसलमान वक्फ अधिनियम को निरस्त करता है। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने शनिवार को दोनों विधेयकों को मंजूरी दे दी, जिससे ये अब कानून का रूप ले चुके हैं।