Bihar Cabinet Meeting: बिहार में अब जन्म-मृत्यु पंजीकरण नियमावली 2025 लागू हो गया है। सीएम नीतीश के कैबिनेट ने इसे मंजूरी दे दी है। जिसके बाद अब जन्म-मृत्यु पंजीकरण के लिए नया नियम लागू हो गया है। दरअसल, बिहार सरकार ने जन्म और मृत्यु के पंजीकरण से जुड़े नियमों में बड़ा संशोधन किया है। 'जन्म और मृत्यु रजिस्ट्रीकरण अधिनियम, 1969' की धारा 30 में निहित शक्तियों का प्रयोग करते हुए राज्य सरकार ने "बिहार जन्म और मृत्यु रजिस्ट्रीकरण (संशोधन) नियमावली, 2025" को अधिसूचित करने की तैयारी पूरी कर ली है।
जन्म-मृत्यु नियमावली 2025 लागू
इस संशोधन के तहत वर्ष 1999 में लागू बिहार जन्म और मृत्यु रजिस्ट्रीकरण नियमावली में कई महत्वपूर्ण बदलाव किए गए हैं, जिनका उद्देश्य पंजीकरण प्रक्रिया को और अधिक सरल, पारदर्शी और डिजिटल बनाना है। सरकार का दावा है कि नए नियमों से आम लोगों को प्रमाण पत्र प्राप्त करने में सुविधा होगी और प्रशासनिक प्रक्रियाएं तेज होंगी।
नीतीश कैबिनेट का फैसला
राज्य सरकार ने संबंधित विभागों को नए नियमों के कार्यान्वयन की दिशा में आवश्यक कदम उठाने का निर्देश दिया है। उम्मीद की जा रही है कि यह संशोधित नियमावली जल्द ही राज्यभर में प्रभावी रूप से लागू कर दी जाएगी। गौरतलब हो कि, बिहार में जन्म और मृत्यु पंजीकरण नियमावली 2025 के अनुसार, अब जन्म और मृत्यु प्रमाण पत्र पंचायत स्तर पर जारी किए जा सकते हैं। यह बदलाव ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों को सुविधा प्रदान करने के लिए किया गया है।
यह कैसे काम करेगा
जन्म प्रमाण पत्र- जन्म के 30 दिनों के भीतर आवेदन करने पर पंचायत सचिव के स्तर से जन्म प्रमाण पत्र जारी कर दिया जाएगा।
मृत्यु प्रमाण पत्र- मृत्यु के 21 दिनों के भीतर, मृत्यु का पंजीकरण कराया जाना अनिवार्य है और पंचायत सचिव या नगर पालिका/नगर परिषद/नगर निगम के रजिस्ट्रार के कार्यालय से मृत्यु प्रमाण पत्र जारी किया जाएगा।
नियम के फायदे
नए नियम के अनुसार जन्म के 30 दिन के अंदर आवेदन करने पर किसी बच्चे का बर्थ सर्टिफिकेट पंचायत सचिव के स्तर से जारी हो जाएगा। हालांकि, एक महीने से एक साल तक के बच्चों का जन्म प्रमाण पत्र प्रखंड सांख्यिकी पदाधिकारी की अनुशंसा पर ही बनेगा। वहीं, अगर जन्म के एक साल बाद बच्चों का बर्थ सर्टिफिकेट बनाना चाहते हैं तो उसके लिए बीडीओ के पास जाना होगा।