कांग्रेस के लिए 100 सीटों की मांग दोहराई
पप्पू यादव ने साफ किया कि सीएम पद के लिए आरजेडी नेता तेजस्वी यादव या किसी अन्य का चेहरा घोषित किए बिना विधानसभा चुनाव इंडिया गठबंधन को लड़ना चाहिए. बिहार के पूर्णिया से लोकसभा सदस्य पप्पू यादव ने ‘पीटीआई-भाषा’ को दिए साक्षात्कार में कांग्रेस का भी पक्ष रखा. उन्होंने कहा कि कांग्रेस को कुल 243 सीटों में से कम से कम 100 सीटों पर लड़ना चाहिए और अपने हिस्से में परंपरागत वोट वाली सीटें लेनी चाहिए.
इस साल अक्टूबर-नवंबर में विधानसभा चुनाव संभावित हैं. राज्य में एनडीए का मुकाबला महागठबंधन से है. गठजोड़ में राजद, कांग्रेस, वाम दल और विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) शामिल हैं. पप्पू यादव पिछले साल लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस में शामिल हुए थे. पूर्णिया से राजद उम्मीदवार घोषित होने की वजह से उन्होंने निर्दलीय चुनाव लड़ने का फैसला लिया था. चुनावी रण में उतरे निर्दलीय पप्पू यादव को जीत मिली. पप्पू यादव खुद को कांग्रेस से संबद्ध सांसद के तौर पर पेश करते हैं.
उन्होंने राहुल और प्रियंका गांधी को नेता मानकर कांग्रेस का साथ देने की बात कही. कांग्रेस में विधानसभा चुनाव के लिए भूमिका तय नहीं होने पर पप्पू यादव ने कहा, ‘‘यह आप कांग्रेस से पूछिए. वो राजा है, मैं रंक हूं. मेरे नेता राहुल गांधी और प्रियंका गांधी हैं. मैंने झारखंड और दिल्ली में कांग्रेस के लिए काम किया है, बिहार में लगातार काम कर रहा हूं. अब कांग्रेस को (मेरी भूमिका) तय करने दीजिए.’’
इस सवाल पर कि किया कांग्रेस पर राजद का दबाव है. पप्पू यादव ने कहा कि कांग्रेस किसी के दबाव में काम नहीं करती, मजबूरियां और परिस्थितियां अलग बात है. सांसद ने कहा कि इंडिया गठबंधन को मुख्यमंत्री पद के लिए बिना चेहरा घोषित किए चुनाव लड़ना चाहिए. उनका कहना था, 'चुनाव बाद मिलकर मुख्यमंत्री के नाम पर मुहर लगे. अभी हमें राहुल गांधी के नेतृत्व में चुनाव लड़ना चाहिए.'
गठबंधन में सीएम फेस पर क्या बोले पप्पू यादव?
तेजस्वी यादव या किसी अन्य चेहरे पर चुनावी रण में उतरने के सवाल पर उन्होंने कहा, 'मेरे ख्याल से नहीं. यह मैं व्यक्तिगत रूप से कह रहा हूं.' उन्होंने जोर दिया कि विधानसभा चुनाव में राहुल गांधी का चेहरा आगे होना चाहिए. पप्पू यादव ने कहा, 'राहुल गांधी जी जिस तरह से आरक्षण, जातीय जनगणना, किसान, रोजगार के लिए लड़ रहे हैं, ओबीसी की बात कर रहे हैं, हाथ में संविधान लिए हुए हैं, मनुस्मृति को खत्म करने की बात कर रहे हैं, तो लग रहा है कि पेरियार आ गए हैं, ज्योतिबा फुले और सावित्री बाई फुले आ गए हैं.'
'सीट बंटवारा पिछली बार की तरह नहीं होगा'
उन्होंने दावा किया कि राहुल गांधी से एससी, एसटी और गरीब का भावनात्मक जुड़ाव बढ़ा है. उन्होंने यह भी कहा कि कांग्रेस को कम से कम 100 सीटों पर चुनाव लड़ना चाहिए. पिछले विधानसभा में कांग्रेस ने 70 सीटों पर लड़कर 19 पर जीत का परचम लहराया था. यादव के मुताबिक, वर्ष 2020 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को 70 में से 60 सीटें तो ऐसी दी गई थीं जहां कभी राजद नहीं जीती थी. उन्होंने कहा, 'उन सीटों पर अब राजद लड़े. राजद क्यों नहीं लड़ती? इस बार पिछली बार की तरह नहीं होगा. कांग्रेस नेतृत्व का प्रयास होना चाहिए कि पार्टी को परंपरागत वोट और क्षेत्र वाली सीटें मिलें.'
पप्पू यादव ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की सेहत को लेकर हो रही चर्चा की पृष्ठभूमि में कहा, 'मैं नीतीश कुमार जी का बहुत सम्मान करता हूं. वह अपने विवेक से निर्णय लेंगे, सूरज को दीया दिखाने की बात नहीं करूंगा, लेकिन उन्हें अब इस बारे (राजनीति में सक्रिय भूमिका से अलग होने के) में विचार करना चाहिए.' उन्होंने दावा किया कि प्रशांत किशोर की जन सुराज पार्टी का बिहार चुनाव में कोई असर नहीं होगा क्योंकि यह पार्टी सिर्फ कॉरपोरेट के पैसे की मदद से खड़ी की गई है और इसका कोई सामाजिक आधार नहीं है.
'BJP को ऑपरेशन सिंदूर का नहीं मिलेगा लाभ'
उन्होंने किशोर पर निशाना साधते हुए कहा, ‘‘वह पहले नीतीश जी को पिता कहते थे, लेकिन अब उन्हें ही गाली दे रहे हैं. पहले उन्हें नीतीश जी ने भगाया, फिर जगनमोहन रेड्डी ने भगाया. कांग्रेस के लिए उत्तर प्रदेश में खाट रैली किया और कहां पहुंचा दिया... यह व्यक्ति नेता नहीं है.’’यादव ने यह दावा भी किया कि बीजेपी को बिहार में ‘ऑपरेशन सिंदूर’ का कोई चुनावी लाभ नहीं मिलने वाला है और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का भी असर नहीं होगा.